पांच अस्पतालों में हड़ताल, 220 सर्जरी रद्द, सैकडों मरीज रहे हलकान -दो अस्पतालों में इलाज में कथित लापरवाही आरोप में डाक्टर से मरीज के रिश्तेदर भिडे

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भारत चौहान नई दिल्ली , डाक्टर मरीज के मध्य मानवता का रिस्ता है। यह रिस्ता तमाम प्रशासनिक कोशिशों के बावजूद मधुर नहीं हो पा रहा है। डाक्टरों को निरंतर हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को बारह घंटे के दौरान पांच अस्पतालों के रेजिडेंट्स की हड़ताल से कई सर्जरियां रद्द कर दी गई तो वहीं कम से कम 10 से 12 हजार ओपीडी में आने वाले इनडोर आउटडोर मरीज व उनके रिश्तेदारों को अदद इलाज के लिए भटकना पड़ा। दिल्ली सरकार दरअसल, राजधानी के दो अस्पतालों में डॉक्टरों से मारपीट की अलग-अलग घटनाओं के बाद डॉक्टरों ने सोमवार को हड़ताल कर दी। स्वास्थ्य सेवाएं हलांकि प्रात: 6 बजे से सायं 6 बजे तक रही लेकिन इसका असर अति संवेदनशील माने जाने वाले सर्जिकल ऑपरेशन थियेटर, नैदानिक जांचों पर देखा गया। शाम को दिल्ली सरकार से सुरक्षा बढ़ाने का आासन मिलने के बाद जूनियर रेजिडेंट्स ने शाम छह बजे हड़ताल समाप्त कर दी। राजधानी के लोकनायक अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल, गुरू नानक देव आई सेंटर, सुश्रुत ट्रामा सेंटर की सेवाएं सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से प्रभावित हुई थीं। हड़ताल के दौरान मरीज अदद चिकित्सीय परामर्श के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकते रहे। अस्पतालों से मिले एक डाटा के अनुसार इस हड़ताल से ओटी सेवाएं ठप रही हर दिन यहां पर करीब 220 से अधिक सर्जरियां संपन्न की जाती है। जो टाल दी गई।
हड़ताल की वजह:
– रविवार रात को दिल्ली सरकार के लोकनायक और महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में हुई अलग-अलग घटनाओं में डॉक्टरों ने मरीज के तीमारदारों पर मारपीट का आरोप लगाया। लोकनायक अस्पताल के डॉ़ प्रियांक का कहना है कि कल रात एक बुजुर्ग मरीज को अस्पताल लाया गया था जिन्हें अटैक आया था। अस्पताल लाने पर ही उनके तिमारदार बेहद गुस्से में नजर आ रहे थे। मरीज की स्थिति काफी खराब थी और कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। ऐसे में तिमारदारों ने वहां मौजूद डॉक्टर को ही पीट दिया। डॉक्टर को कंधे और छाती पर चोट आई है। ऐसे में रात को ही इमरजेंसी सेवा ठप्प कर दी थी और सोमवार से पूरी तरह हड़ताल की घोषणा कर दी।
2-वहीं महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के डा. समीर कक्कड़ का कहना है कि अस्पताल में कल देर शाम एक मरीज आया जिसके तिमारदार डॉक्टरों को जबदस्ती पहले उनके मरीज को देखने के लिए कहने लगे। डॉक्टरों ने नंबर से देखने को कहा तो उन्होंने डॉक्टर का कॉलर पकड़ लिया और मारपीट भी की।
इमरजेंसी, ओपीडी बंद, भर्ती मरीजों को देखने भी नहीं पहुंचे डॉक्टर:
रविवार को लोकनायक अस्पताल और महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट की दो अलग-अलग घटनाओं के विरोध में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाओं के अलावा इमरजेंसी भी बंद कर दी। हड़ताल के दौरान वार्ड में पहले से भर्ती मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुश्रुत ट्रामा सेंटर में भी हड़ताल की वजह से दुर्घटना पीड़ित मरीजों को भी उपचार नहीं मिल सका। इन मरीजों को एम्स और सफदरजंग रेफर किया गया। हालांकि वार्ड में नर्स और अन्य पेरामेडिकल स्टाफ ने जरूर मरीजों की मदद की। वहीं अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी मरीजों का हालचाल जाना।
इन पांच अस्पतालों में रही हड़ताल
लोकनायक अस्पताल, जीबी पंत अस्पताल, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल, गुरू नानक देव आई सेंटर, सुश्रुत ट्रामा सेंटर

किस अस्पताल में कितने मरीज प्रभावित:
अस्पताल सर्जरी रद्द मरीजों का इलाज नहीं मिला
लोकनायक 105 7000
जीबी पंत 53 2500
सुश्रुत 15 100
महर्षि वाल्मीकि 71 850
गुरू नानक देव नेत्र चिकित्सालय 40 500

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