ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , देश के विभिन्न राज्यों से सोमवार को एतिहासिक जंतर मंतर पर जुटे संतों ने केंद्र सरकार से गोचर भूमि बचाने, उसकी खरीद परोख्त कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त न्यायिक कार्रवाई करने और संसद में गोचर और गाय के संरक्षण, संवर्धन के लिए अभिलंब केंद्रीय कानून बनाने की पुरजोर मांग की। गोचर भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनरतले आयोजित इस धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए निरंजगी अखाड़ा हरिद्वार के वरिष्ठ महामंडलेर स्वामी सोमेरानंद गिरी जी महाराज ने हरि ओम की हुंकार भरते हुए केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि गउ हमारी माता है, देवी देवता हों या मनुष्य सभी उसकी श्रद्धा भावना से पूजा करता है, इसलिए उसके नाम पर देश में किसी भी प्रकार की धार्मिक राजनीति नहीं की जा सकती है।
इसके पहले प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और केंद्रीय गृहमंत्रालय को संतों के एक समूह ने ज्ञापन भी दिया। भगवा वस्त्र धारण कर संतों ने एक स्वर में चेतावनी भी दी कि केंद्र में मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्तासीन है। हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के संरक्षण करना सरकार का दायित्य है। हम हिंसा के समर्थक नहीं है, अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए जंतर मंतर से सोमवार को देशव्यापी आंदोलन का श्रीगणोश कर रहे हैं। स्वामी सोमेरा नंद ने गौ माता की जय का जयघोष करते हुए कहा कि हम वसुधैय कुटुंबकम् के अनुयायी है। राजस्थान के चुरू जिला के सरदार शहर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संत मंडल को इस बात का दु:ख है कि 260 करोड़ की बेश कीमती गोचर भूमि को भू माफियाओं ने बेच दिया है। संत समाज के विरोध के बाद स्थानीय प्रशासन ने आरोपियों के खिलाप 4 जून को पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन महीने भर से अधिक का समय हो चुका है, उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है। उन्होंने सरकार को संतों के सामूहिक स्वहस्ताक्षर युक्त भेजा ज्ञापन अपनी मांगों को रखते हुए एक माह का इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और न्यायिक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो देशव्यापी आंदोलन करने के लिए संत मंडल विवश होगा।
इसमें शामिल लोंगो के हाथों में पोस्टर बैनर थे जिस पर गउ हमारी माता है, गोचर भूमि के संरक्षण के लिए केंद्रीय कानून बनाने संबंधी स्लोगन लिखे थे। वि धर्मागम योगाश्रम के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी बाल योगेर जी महाराज, शिव सेना दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने भी अपने विचार रखे। युनाईटेड हिंदू फ्रंट, अखिल भारत हिंदू महसभा, शक्ति पुंज फाउंडेशन, निरंजनी अखाड़ा के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।