अदालत जाएंगे फारुख अब्दुल्ला

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भारत चौहान श्रीनगर, नयी दिल्ली, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार के निर्णय के खिलाफ वह संघर्ष करेंगे और अदालत जाएंगे। जम्मू-कश्मीर के विशेष दज्रे से संबंधित अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को सोमवार को सरकार द्वारा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के प्रस्ताव के बाद अब्दुल्ला ने कहा लोकतांत्रिक के बजाय ‘‘तानाशाही’’ शासन लाया गया है। श्रीनगर में टीवी चैनलों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘जैसे ही दरवाजे खुलेंगे, हमारे लोग बाहर निकलेंगे, हम लड़ेंगे, हम अदालत जाएंगे। हम बंदूक चलाने वाले नहीं हैं, ग्रेनेड फेंकने वाले नहीं हैं, पथराव करने वाले नहीं हैं, हम चीजों के शांतिपूर्ण समाधान में विास करते हैं।’’ 81 वर्षीय अब्दुल्ला ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘वे हमारी हत्या करना चाहते हैं, हम तैयार हैं, मेरा सीना तैयार है, यहां गोली मारिए, मेरे पीठ में नहीं।’’ उन्होंने संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान का विरोध किया कि वह न तो हिरासत में हैं, न ही गिरफ्तार हुए हैं और अपनी मर्जी से घर में हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया से बात करने के लिए वह ‘‘दरवाजा तोड़कर’’ बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भारत के गृह मंत्री का बयान सुना कि फारूक अब्दुल्ला स्वतंत्र हैं और अपनी इच्छा से घर में हैं। मैं सोचता हूं कि वह झूठ कैसे बोल सकते हैं जब मेरे घर के बाहर एक डीएसपी को तैनात किया गया है और कोई न तो अंदर आ सकता है, न ही कोई बाहर जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे दुख है कि भारत के गृह मंत्री इस तरह झूठ बोलते हैं।’’ लोकसभा में राकांपा की सुप्रिया सुले के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘वह (अब्दुल्ला) न तो हिरासत में हैं, न ही गिरफ्तार हुए हैं। वह अपनी इच्छा से अपने घर में हैं।’’ सुले ने जब पूछा कि क्या नेशनल कांफ्रेंस के नेता की तबियत ठीक नहीं है तो शाह ने कहा कि यह तो डॉक्टर बताएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इलाज नहीं करता, यह डॉक्टर करते हैं।’’ सरकार के निर्णय के बारे में संवाददाताओं से बात करते हुए अब्दुल्ला रो पड़े और कहा, ‘‘उन्होंने क्षेत्रों को बांट दिया, क्या वे दिलों को भी बांट देंगे? क्या वेंिहदुओं, मुस्लिमों और बौद्धों को भी बांट देंगे? क्या वे ऐसा चाहते हैं? क्या भारत ऐसा है। मेरा भारत उन सबके लिए है जो धर्मनिरपेक्ष देश में विास करते हैं, जो एकता में विास करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘70 वर्षों तक हमने लड़ाई लड़ी और आज हमें अपराधी मानने लगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35-ए की गारंटी दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘तानाशाही शासन लगाया गया है न कि लोकतांत्रिक शासन, जैसा हमने सोचा था कि वे लगाएंगे। मुझे नहीं पता कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, हमें नजरबंद किया गया है।’’ अब्दुल्ला (81) ने कहा कि उन्हें इतना ही पता है कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को गिरफ्तार किया गया है। यह भी हमें मीडिया से पता चला। उन्होंने कहा, ‘‘कोई लिखित आदेश नहीं है लेकिन हमें नजरबंद कर दिया गया। हम कानून पर विास करते हैं, हम पत्थर फेंकने वाले या हत्यारे नहीं हैं। हमने कभी भी बंदूक का रास्ता नहीं चुना। हम हमेशा महात्मा गांधी के रास्ते पर चले..ऐसा क्यों किया गया? ऐसा करने की क्या जरूरत थी।’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर ऐसा (जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है) संविधान के मुताबिक हो रहा है तो गृह मंत्री ने क्यों इंतजार नहीं किया जबकि मामला उच्चतम न्यायालय में है। अनुच्छेद 370 राष्ट्रपति का आदेश नहीं है बल्कि यह संविधान के तहत गारंटी है।’’

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