चार घंटे पूछताछ के बाद भी मुख्य सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार कार्यवाही पूरी नहीं, अदालत नाराज

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भारत चौहान नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज ‘आप’ विधायकों वाली दिल्ली विधानसभा की उस समिति से नाखुशी जताई जिसने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से चार घंटे से अधिक समय पूछताछ के बावजूद विशेषाधिकार हनन कार्यवाही पूरी नहीं की। न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने शुरुआत में कहा, ‘‘वह चार घंटे के लिए आपके (विशेषाधिकार समिति) सामने सहमति से पेश हुए। ये किस तरह की कार्यवाही है? चार घंटे की पूछताछ में, आप जो चाहते थे, वह आपको पता चल जाता। अगर आपने इस समय में अपनी कार्यवाही पूरी नहीं की तो हम अब इसे आगे बढाने की अनुमति नहीं देंगे।’’ इसके बाद, समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंद्रजोग ने कहा कि अब अधिकारी की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है। इस पर न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि सुनवाई की अगली तारीख यानी 18 सितंबर तक समिति द्वारा ‘‘आगे की कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।’’ अदालत ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता के बयानों को देखते हुए हमें लगता है कि अब नौकरशाह को कोईंिचता नहीं होनी चाहिए। प्रकाश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता विवेक चिब ने कहा कि कई अनुरोध के बावजूद, कार्यवाही का ब्यौरा और वीडियो रिकार्डिंग उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्होंने दावा किया कि रिकार्ड के बिना वह विशेषाधिकार उल्लंघन के आरोपों के खिलाफ अपना बचाव नहीं कर सकते। समिति की ओर से पेश नंद्रजोग ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शब्दश: रिकार्ड को सत्यापित करने के बाद अधिकारी को इन्हें उपलब्ध कराया जाएगा। अध्यक्ष लंदन में हैं और वह 16 सितंबर को वापस लौट सकते हैं। उन्होंने आासन दिया कि 18 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अदालत में कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग सौंपी जाएगी।

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