डॉ हर्ष वर्धन ने अपने लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक के नागरिकों से विडियो कान्फ्रेंसिंग पर बात की कोविड-19 वायरस के संक्रमण को हल्के में नहीं लेने और बचाव में कोताही न बरतने की अपील

भारत के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं- डॉ हर्ष वर्धन

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भारत चौहान नई दिल्ली – केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा है कि हमारे देश के वैज्ञानिक कोविड-19 रोग के निदान के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इस वैक्सीन के लिए विश्व में वर्तमान में चल रहे शोध में प्रारंभिक रूप से जिन 5 देशों को सफलता मिली है उसमें भारत भी शामिल है और हमारे वैज्ञानिक इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

अपने लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक के 200 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं से विडियो कॉन्फ्रेसिंग पर आज बुधवार को बातचीत करते हुए डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि किसी को इस गलतफहमी में नहीं रहना है कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सहित विश्व के कई विकसित देशों के लोग इससे पीड़ित हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता यह है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियम कायदों का पूरी तरह से पालन करें । यह कोई जुमला नहीं है बल्कि इस समय सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना की सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन है। किसी भी प्रकार की असावधानी आपको कोरोना वायरस का संक्रमण दे सकती है। नाक मूंह को ढकने के लिए एन-95 जैसे मास्क की कतई जरूरत नहीं है वरन हमें घर में साधारण कपड़े से बने हुए फेस कवर का उपयोग भी कर सकते हैं। मैं स्वयं भी ऐसा ही कर रहा हूं।

डॉ हर्ष वर्धन ने लोगों से अपील की वे छोटी छोटी सावधानियों जैसे बार बार हाथ धोना, अलग थलग रहना और घर के अंदर और घर के बाहर मास्क लगाकर रहने की आदत डालना आदि पर ध्यान दें। विशेषकर घर की बड़े बुजुर्गों, बच्चो और गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की चिंता करें और उनकी पूर्णरूपेण देखभाल करें। उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि देश में कोविड और गैर कोविड मरीजों के लिए दवाईयों की किसी प्रकार की कमी नहीं है। साथ ही हमारे पास पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू सुविधाएं, पीपीई किट्स, वेंटिलेटर, एन 95 मास्क और ऑक्सीजन आदि उपलब्ध हैं और भारत हर प्रकार की विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि हमारी पूरी कोशिश है कि हम देश को इस स्थिति में नहीं पहुंचने देंगे।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोविड-19 ने सारी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है लेकिन इसको सबसे बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में आज भारत की स्थिति विश्व के अन्य देशों के मुकाबले बहुत बेहतर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने चीन द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन और दुनिया को 7 जनवरी, 2020 को अपने यहां एक नए प्रकार के वायरस नोवल कोरोना वायरस की जानकारी देने के दूसरे ही दिन 8 जनवरी को अपने तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी का गठन कर कोरोना से बचने की उपाय की रणनीति बनाई थी। उसके उपरांत प्रधानमंत्री जी ने मेरी अध्यक्षता में मंत्रियों का समूह का गठन किया जिसकी अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं। सामुदायिक निगरानी, अंतराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध, जनता कृफ्यू और लॉक डाउन जैसे कदम उठाने में भारत सबसे आगे रहा और यही कारण है कि आज हमारे देश में अमेरिका, यूरोप जैसे विकसित देशों की तुलना में कोरोना से अपेक्षाकृत कम संख्या में लोग संक्रमित हैं और इससे मरने वाले लोगों की संख्या भी कम है।

हमने जन संचार के विभिन्न साधनों के माध्यम से देश भर में जन जागरूकता का अभियान शुरू किया। यहां तक कि टेलीफोन कॉलर ट्यून में भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां एवं उपाय बरतने की अपील की। इसका बहूत अच्छा असर देखने को मिला है और सारा देश कोविड-19 का बहुत ही हिम्मत, संयम और धैर्य के साथ सामना कर रहा है। कोविड19 के खिलाफ देश भर में किए जा रहे सामुहिक प्रयासों और प्रबंधन की दुनिया भर में सराहना की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी भारत की रणनीति की भूरी भूरी प्रशंसा कर रही हैं।

डॉ हर्ष वर्धन ने लोगों से कहा कि कोरोना से डरने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि इसमें 80 प्रतिशत लोग सामान्य उपचार से स्वत: ही ठीक हो जाते हैं और बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने के साथ ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने अफवाहों और भ्रांतियों पर विश्वास न करने की अपील करते हुए लोगों से कहा कि वे सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करेंगे तो वे स्वयं तो कोरोना से सुरक्षित रहेंगे ही वरन अपने परिवार को भी इससे सुरक्षित रख पाएंगे।

उन्होंने बताया कि भारत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोविड-19 के विरूद्ध लड़ी जा रही जंग के लिए ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है और देश के जिलों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। एक वे जिले हैं जहां कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं है, दूसरे सामान्य प्रभाव वाले और तीसरे हॉटस्पॉट जिले हैं। आज देश के करीब 733 जिलों में से 321 ऐसे जिलें हैं जहां कोरोना के एक केस भी नहीं हैं। मात्र 20 प्रतिशत जिले ही हॉट स्पॉट हैं। लेकिन मुंबई, थाणे, पूणे, जयपुर, इंदौर आदि शहरों में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए समुचित प्रबंध किए जा रहे हैं।

डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि यदि लोग सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का गंभीरता से पालन करेंगे तो हमें पूरा विश्वास है कि भारत बहुत जल्द ही कोरोना वायरस के खतरे से बाहर आ जाएगा। लेकिन कोरोना वायरस के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही या सरकार द्वारा दिए जा रहे दिशा निर्देशों की अवहेलना और उसकी पालना में कोताही का बहुत भारी मूल्य चुकाना पड़ सकता है। इसीलिए हर नागरिक को इस नाजुक घड़ी में स्वयं की सुरक्षा के साथ साथ अपने परिवार व समाज की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि ये देखा गया है कि शहरों में लोग फेस कवर का प्रयोग नहीं कर रहे और कई बार लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने की शिकायत भी सामने आई है। इसके मुकाबले गांवों के लोग जिस ढंग से इसकी पालना कर रहे हैं वह सराहनीय है और इसलिए गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले कम संख्या में सामने आए हैं।

उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की इस कठिन समय में देश के समाज सेवी संस्थाएं एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता सरकार के साथ सहयोग करते हुए गरीबों की मदद कर रहे हैं और उनके लिए भोजन आदि की व्यवस्थाएं बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा की है। देश के सभी सांसदों ने भी अपने सांसद निधि विकास कोष की पूरी राशि प्रधानमंत्री केयर फंड के लिए प्रदान कर दी है। केंद्र सरकार और भी अनेक उपाय कर रही है।

इस अवसर पर विडियो कान्फ्रेसिंग में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें विश्वास है कि जिस प्रकार भारत ने पोलिया पर विजय प्राप्त की थी उसी प्रकार प्रधानमंत्री और आपके नेतृत्व में कोरोना पर भी हमारी जीत होगी।

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