भारत चौहान नई दिल्ली, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लॉयंस क्लब के अधिकारियो से महत्वपूर्ण विषयो पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की.इस मौके पर उन्होंने कहा की
”मैं लॉयन्स क्लब के सदस्यों के कोविड-19 के खिलाफ विशेष रूप से पीएम केयर्स फंड के माध्यम से सराहनीय योगदान, अस्पतालों के लिए उपकरण, सेनिटाइजर, भोजन, पीपीई किट और एन-95 मास्क आदि के लिए उनके सहयोग को बहुमूल्य मानता हूं”। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने आज यहां विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देश भर के लॉयन्स क्लब्स इंटरनेशनल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श करते हुए यह बात कही। उन्होंने पिछले वर्षों में पोलियो और मोतियोबिंद जैसे अभियानों में उनके योगदान की सराहना की और उनसे आग्रह किया कि वे एक बार फिर मिलकर कोविड-19 के खिलाफ सरकार के प्रयासों में योगदान दें। ”हमें समय की आवश्यकता के अनुसार मिलकर काम करते हुए कोविड-19 को पराजित करना है जो विश्व के 200 से अधिक देशों में फैल गया है” उन्होंने कहा। केंद्रीय मंत्री ने लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध कराने और कई स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक चिकित्सा उपकरण और निजी सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए भी उनकी प्रशंसा की।
कोविड-19 पर काबू पाने में भारत के दृष्टिकोण को उजागर करते हुए उन्होंने कहा ”इस समय हमारे 5 स्तर की कार्रवाई की प्रमाणिकता है। (1) लगातार जागरूकता की स्थिति बनाए रखना (2) पूर्व निर्धारित और अग्रसक्रिय दृष्टिकोण (3) निरंतर उभरते परिदृश्य के अनुसार श्रेणीकृत कार्रवाई (4) सभी स्तरों पर अंतर्राष्ट्रीय समन्वय (5) इस रोग पर काबू पाने के लिए जन अभियान विकसित करना।
रोग से निपटने में भारत की शक्ति पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा ”भारत ने विगत में भी जनस्वास्थ्य की आपात की अंतर्राष्ट्रीय चिंता और महामारियों पर सफलतापूर्वक काबू पाया है”। उन्होंने यह भी कहा ”हमारे देश के पास अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों में निर्धारित आवश्यक राष्ट्रीय क्षमताएं हैं जिनसे जनस्वास्थ्य आपात आवश्यकताओं का प्रबंधन किया जाता है। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम-आईडीएसपी महामारी आशंकित बीमारियों के लिए एक राष्ट्र व्यापी निगरानी या सर्विलांस सिस्टम है। इसे कोविड की कार्रवाई के लिए सक्रिय किया गया है और इसे डिजिटल इनपुट से और मजबूत बनाया जा रहा है।
डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि पिछले तीन दिन में मामलों की दोगुना होने की दर 11.3 दिन है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक मृत्यु दर लगभग 7 प्रतिशत है जबकि भारत में यह दर लगभग 3 प्रतिशत है और लगभग 86 प्रतिशत मृत्यु अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की होती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा यह भी कहा कि केवल 0.33 प्रतिशत रोगी वेंटिलेटर पर हैं, 1.5 प्रतिशत रोगी ऑक्सीजन पर और 2.34 प्रतिशत रोगी आईसीयू में हैं। इससे पता चलता है कि देश भर में किस तरह की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। भारत किसी भी प्रकार की भावी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और हमारे पास पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बिस्तर, वेंटिलेटर, पीपीई, मास्क आदि हैं। डॉ हर्ष वर्धन को बताया गया कि 288 सरकारी प्रयोगशालाओं के साथ 97 निजी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। इनके लगभग 16 हजार संकलन केंद्र हैं और प्रतिदिन 60 हजार जांच की जा रही हैं। सरकार शीघ्र दैनिक जांच क्षमता बढ़ाकर 1 लाख करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा क्योंकि वैक्सीन के विकास में लंबा समय लग सकता है इसलिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग मिलकर एक प्रभावशाली सोशल वैक्सीन का काम कर सकते हैं। ”मेरे प्रभार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय नवाचार पर काम कर रहा है और कुछ ऐसी परियोजनाओं के लिए राशि आवंटित की जा रही है जिनसे जांच की प्रक्रिया काफी तीव्र हो जाएगी” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि ”हमारी शक्ति” और सोशल डिस्टेंसिंग की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख भूमिका है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा समर्पित पक्षों और भागीदारों के साथ मिलकर भारत कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष में अवश्य विजयी होगा।