उफ्फ ये हड़ताल कहीं जान पर न बन जाए! डाक्टर प्रदर्शन, धरना दे रहे हैं, सर्जरी के लिए मरीज वेटिंग में उनके आने का इंतजार 350 से अधिक सर्जरियां टली दिन भर ऑपरेशन का गाउन पहन कर ओटी कक्ष के बाहर करते रहे इलाज उम्मीद थी कि हड़ताल खत्म हो जाएगी तो वे स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कर दें

0
594

ज्ञानप्रकाश के साथ भारत चौहान नई दिल्ली , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजीडेंट डाक्टर अपने एक सहकर्मी को सीनियर डाक्टर द्वारा थप्पड़ मारे जाने के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का असर शुक्रवार को आम हो या खास (वीवीआईपी) मरीजों पर सहजता से देखा गया। सुबह नियमित राउंड पर वार्ड में भर्ती रोगियों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए रेजिडेंट्स डाक्टर्स नहीं गए। स्त्री एवं प्रसूति विभाग की पांच यूनिटों में से दो में ही फैकल्टी डाक्टर्स ने सुबह मरीजों की स्थिति का जायजा लिया।
.अकेले फैकल्टी जूझते रहे:
सामान्यत: वे यह कार्य गंभीरता पूर्वक जूनियर रेजिडेंट्स के भरोसे करते रहे हैं आज इस कार्य को वे नर्सिग स्टाफ के सहारे करते दिखे। अनुमान है कि हड़ताल से सायं 6 बजे तक पूर्व नियोजित 350 से अधिक सर्जरियां रद्द कर दी गई। इन मरीजों को सलाह दी गई है कि वे संबंधित सर्जन से अगले डेट लें। इसी तरह से ओपीडी में (नए पुराने) करीब 6789 कार्ड बनाए गए इसमें से सिर्फ एक तिहाई मरीज ही डाक्टर की जद तक पहुंच सके।
सिर्फ इंतजार में कटा दिन:
मेरठ की राधा देवी (67) के पेट ट्यूमर की सर्जरी आज न हो सकी। उनके बेटे मोहित ने कहा कि बीते साल 19 जनवरी को आज की डेट मिली थी। इस दौरान वे असहनीय दर्द झेलती रही। दो दिन पहले यहां भर्ती कराया। कल रात को नर्सिग स्टाफ ने कहा कि सर्जरी टल सकती है, डाक्टर हड़ताल पर रहेंगे, हमें उम्मीद थी कि मरीजों का दर्द देखकर डाक्टर भला कैसे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित कर सकते हैं। वे तो मरीज का जीवन बचाने के लिए काम करते हैं। इसी उम्मीद से सुबह 6 बजे से सायं 4 बजे तक सामान्य शल्यक्रिया यूनिट में उन 19 मरीजों में शामिल थी। जिन्हें घंटों इंतजार के बाद आज सर्जरी नहीं हो सकी। उनमें डाक्टरों के प्रति काफी गुस्सा था। पित्त की थैली में पथरी से जूझ रही महिमा ने कहा कि डाक्टरों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाना चाहिए।
दमघोटू गर्मी, इस पर हड़ताल:

मरीजों में रेजिडेंट्स डाक्टर्स के प्रति जितना गुस्सा था उससे कहीं ज्यादा गुस्सा एम्स प्रशासन की संवेदनहीनता पर दिखा। अस्थि शल्यक्रिया यूनिट एक दो, तीन में करीब 22 मरीज की आज घुटने और कूल्हे प्रत्यापित किया जाना था। हड़ताल की वजह से सर्जरी टाल दी गई। दंत शल्यक्रिया विभाग, स्नायु शल्यक्रिया, सीएन सेंटर, आईआरसीएच में भी सर्जरी टालने से मरीजों में गुस्सा देखा गया। हापुड़ से अपनी मां रामा देवी के सिर में ट्यूमर की सर्जरी कराने आए राहुल ने कहा कि यहां पर गर्मी के मोर बुरा हाल है। ऐसा लगता है कि दम घूट जाएगा, वातानुकूलित संयत्र भी काम नहीं कर रहा है।
सीजीएचएस:
केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की महानिदेशक महानिदेशक सुजाता राव ने कहा कि एम्स में डाक्टरों की हड़ताल को स्वीकार नहीं किया जाएगा। तो वहीं स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुजान ने मामले को अविलंब सुलझाने के लिए एम्स प्रशासन को निर्देश दिए।
क्या है मामला:
बीते बुधवार का आरपी सेंटर के प्रमुख डा. अतुल कुमार ने वार्ड में मरीजों का जायजा लेते वक्त एक जूनियर रेजिडेंट को थप्पड़ मार दिया था। इस इस थप्पड़ कांड के बाद एम्स आरडीए के अध्यक्ष डा. हरजीत सिंह भट्टी, पूर्व अध्यक्ष डा. विजय कुमार गुर्जर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया से मिला। डा. अतुल को माफी मांगने, आरपी सेंटर के मुखिया पद से हटाने की मांग की। बैठक बनतीजा रही, फिर डाक्टरों ने बेमियादी हड़ताल कर दी। शुक्रवार को आरडीए ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखे पत्र में और सख्त रुख अख्तियार किया जिसमें आरोपी डाक्टर के पद्मश्री और बीसी राय अवार्ड को वापस लेने की मांग कर डाली। एम्स के निदेशक डा. गुलेरिया ने दावा किया कि मरीजों को शनिवार को दिक्कतें नहीं होगी। डाक्टरों की मांगों पर विचार किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here