जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए वैज्ञानिक तरीके से सी एंड डी वेस्ट का निपटान करें: बैजल -बुलाई बैठक कचरा निस्पादन सुरक्षित तरीके से करने के तौर तरीकों की सघन चर्चा

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम विषयक बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रोकथाम के लिए वैज्ञानिक तरीके से सी एंड डी वेस्ट का निपटान करने के निर्देश दिया। ऐपका की बुलाई गई इस बैठक में नालों में सी एंड डी वेस्ट की डम्पिंग की विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें मौजूद अधिकारियों ने बताया कि नालों का प्रभाव जाम हो जाने पर पर्यावरण को क्षति होती है।
इसके पहले ऐपका के चेयरमैन डा. भूरेलाल ने बैठक की शुरूआत में उपराज्यपाल को बताया कि कुछ नालों विशेषकर नजफगढ़ एवं शाहदरा ड्रेन के निरीक्षण पर उन्होंने यह पाया है कि वहां की स्थिति दयनीय है और नालों के भीतर से आ रही बदबू असहनीय है। इसी तरह गंदे,जमे पानी से निकलने वाली गैसे मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में छोटे-छोटे सी एंड डी वेस्ट और प्लास्टिक वेस्ट के पहाड़ बन चुके हैं जोकि न केवल वायु की गुणवत्ता में गिरावट के लिए जिम्मेदार है बल्कि भूमिगत जल की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रहा है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंतण्रविभाग ने ड्रेन और जल निकायों के कायाकल्प के लिए उठाए गए कदमों के बारे में उपराज्यपाल को अवगत कराया। ड्रेन के रख-रखाव, सी एंड डी और म्युसिपल वेस्ट के निपटान के लिए ऐसे लोग जोकि नालों/ड्रेनों के किनारे रह रहे हैं, के व्यवहार परिवर्तन अभियान की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि इन प्राकृतिक ड्रेनों के लिए डिस्पोजल का प्रवाह एक बड़ा खतरा है। श्री वैजल को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया कि नालों से निकाले गए मिट्टी/गाद के उपयोग के लिए सीआरआरआइ से एक अध्ययन भी करवाया है। अधिकारी ने सुझाव दिया कि सी एंड डी वेस्ट/कचरे के डम्पिंग को रोकने के लिए नालों के किनारे फ्लाइंग स्कावड को तैनात किया जा सकता है।
इस बैठक में पर्यावरण एवं वन मंत्री इमरान हुसैन के अलावा, पर्यावरण के सचिव, उत्तरी एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, डीपीसीसी के सदस्य सचिव, दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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