दिल्ली में लिंग अनुपात में अभी भी कमी सतेंद्र जैन

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भारत चौहान नई दिल्ली ,परिवार कल्याण निदेशालय दिल्ली सरकार एवं ए० डी०एफ० इंडिया तथा गर्ल काऊन्ट सामजिक संस्थाओं के संयुक्त
पारस्परिक सहयोग से “प्रसव पूर्व लिंग जाँच एवं निर्धारण निषेध अधिनियम” के कार्यन्वयन पर अधिनियम को प्रभावी ढंग से
कार्यन्वित करने के मानक संचालक दिशा निर्देश और आचार सहिंता पर-राज्य स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन
इंडिया इंटरनैशनल सेण्टर मैक्स मूलर मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्री सतेन्द्र जैन ने उदघाटन भाषण में विचार रखते हुए कहा कि दिल्ली में लिंग अनुपात में सुधार
हुआ है परन्तु स्थिति अभी भी गम्भीर है । दिल्ली सरकार प्रसवपूर्व लिंग जाँच एवं निर्धारण निषेध अधिनियम को प्रभावी ढंग
से लागू करने में कोई कमी नहीं होगी तथा लिंगानुपात की दिशा में राज्य में बेहतर एवं प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किए जाने की
कटिबद्धता को दोहरया ।
श्री संजीव खिरवाल, प्रधान सचिव स्वास्थ्य परिवार कल्याण दिल्ली सरकार ने अपने उद्बोधन में उल्लेख किया कि दिल्ली
सरकार, दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के समीपवर्ती राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात से सम्बंधित आंकड़ों को पर
गम्भीर तथा प्रभावी ढंग से विभिन्न विभागों के सहयोग से कार्यों को दिशा दे रही है । उन्होंने उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के
आकड़ों को साँझा करते हुए कहा कि दक्षिण भारत की अपेक्षा जन्म के लिंग चयन में उत्तर भारत में लिंगानुपात में वृद्धि
सवेदंशिलता से आत्म चिन्तन की आवश्यकता है।
श्री मोहम्मद ए० आबिद उपायुक्त मुख्यालय, राजस्व विभाग, दिल्ली सरकार ने लिंगानुपात चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल ध्यान
देने का आग्रह किया और कहा कि राजस्व विभाग दिल्ली में अधिनियम के प्रभावी कार्यन्वयन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य
के प्राधिकरण को अपना पूरा सहयोग देगा।
डॉ० नूतन मूंडेजा , निदेशक परिवार नियोजन एवं अध्यक्ष राज्य प्राधिकरण ने तथ्यों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि लिंगानुपात
के आंकड़े पहले से सकारात्मकता की और दिखाई दे रहे है फिर भी “ प्रसवपूर्व लिंग जाँच एवं निर्धारण निषेध अधिनियम को
अधिक सख्ती एवं प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों को सख्ती से कार्यों को दिशा देने की
आवश्यकता है । यही नहीं अधिनियम को कार्यान्वित करने के उद्देश्य से हितधारकों के साथ साँझा करने के लिए अधिक प्रयास
किए जा रहे हैं ताकि जनसाधारण अधिनियम के प्रावधानों के प्रति जागरूक होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
डॉ० नितिन, राज्य कार्यक्रम अधिकारी (PNDT Act.) ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण में
दिल्ली के विभिन्न जिला के उपायुक्त राजस्व, उपमंडलीय मजिस्ट्रेट मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला नोडल अधिकारीयों ने भाग
लिया। राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का उदेश्य लड़कियों एवं लड़कों की संख्या के बीच बढ़ रही असमानता को रोकने के लिए सरकार
द्वारा ‘प्रसव पूर्व लिंग जाँच एवं निर्धारण निषेध अधिनियम को कानूनी रूप से प्रभावी ढंग से लागू करने उदेश्य से
अधिकारियों की तकनीकी क्षमता बढ़ाने तथा दिशा निर्देश को दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू करना है।
एक दिवसीय प्रशिक्षण में प्रमुख सामजिक एवं कानूनी क्षेत्र में कार्यरत वरिष्ठ अधिवक्ता संजय परिख, उदय प्रकाश सर्वोंच्च
न्यायालय, वर्षा देशपांडे, उपाध्यक्ष बार ऐसो० ऑफ इंडिया, लेख लड़की अभियान, राज्य के स्थायी सदस्यों एवं अन्य प्रबुद्द
लोगों ने भाग लिया तथा प्रसव पूर्व जाँच एवं निर्धारण निषेघ अधिनियम के विभिन्न अनुभागों पर अपने संदेह का निवारण
किया।

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