दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी ने महान सिख जरनैल सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया की तीसरी जन्म शताब्दी दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया

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अर्शदीप कौर नई दिल्ली,महान सिख जरनैल सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया की तीसरी जन्म शताब्दी को समर्पित नगर कीर्तन का दिल्ली पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया। बीते दिनों श्री अकाल तख्त साहिब से रवाना हुआ नगर कीर्तन पंजाब एवं हरियाणा में कई चरणों को पार करता हुआ कुंडली बार्डर से दिल्ली में दाखिला हुआ। इस अवसर पर दिल्ली कमेटी द्वारा कुंडली बार्डर एंव गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब में स्टेज लगा कर नगर कीर्तन में शामिल संगतों को ‘‘जी आया’’ कहा गया।

कमेटी अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के., महासचिव मनजिन्दर सिंह सिरसा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, धर्मप्रचार कमेटी चेयरमैन परमजीत सिंह राणा एवं कमेटी सदस्यों ने पालकी साहिब पर फुलों की वर्षा कर अपनी श्रद्धा भेंट की। शिरोमणी कमेटी द्वारा दिल्ली कमेटी एवं बुढा दल के सहयोग से उक्त नगर कीर्तन सजाया गया था।

संगतां को संबोधित करते हुए जी.के. एवं सिरसा ने सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया के जीवन एवं उपलब्धियों की जानकारी दी। जी.के. ने कहा कि नौजवानों को सरदार आहलूवालिया के संत व सिपाही जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। माता सुन्दरी जी की गोद का आनन्द लेने वाले सरदार जस्सा सिंह आहलूवालिया ने एक सिख से बादशाह एवं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की भूमिका साफ सुथरे ढंग से निभाकर इस बात को प्रमाणित किया था कि एक जंगजू सिख समय पड़ने पर बादशाही भी संभाल सकता है।

सिरसा ने कहा कि महान सिख जरनैलों ने दिल्ली फतेह कर मुगल हकूमत को अहसास दिला दिया था कि सिख गुलामी की जंजीर को काटना जानते हैं। सरदार आहलूवालिया ने अपनी बहादुरी एवं हौंसले के साथ जो मुकाम हासिल किया, वह सिख राज की जड़ों को खड़ा कर स्वाभिमान का परचम लहराने वाले थे। इसलिए दिल्ली कमेटी द्वारा दिल्ली फतेह दिवस समागमों द्वारा हर साल कौम के महान जरनैलों को याद किया जाता है। इस अवसर पर गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब से गुरुद्वारा शीशगंज साहिब तक पुरातन नगर कीर्तन रूट पर हजारों संगतों ने नगर कीर्तन के दर्शन किये।

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