दिल्ली की रस्सी ओर लुंगी से बाढ़ पीड़ित केरल को मरहम। नंगे पैरों की चुभन को कम करने के लिए खास तरह के जूतों चपल्लों की खेफ रवाना।

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भारत चौहान आउटर दिल्ली के लोगों ने कुलविंदर डागर की अगुवाई में एक साथ आ कर बाढ़ पीड़ित लोगों को खास तरह के साजो – सामान मुहैया कराए जिसकी जरूरत हर पल होती हैं। खास किश्म की रस्सियां बनवाई गई जिससे बाढ़ में फंसे लोगों की जान बचाई जा सके, साथ ही जमीन पर पानी भरा होने के हालातों में खाने पीने की चीजें रस्सियों के सहारे बांध कर सुरक्षित पहुंचाई जा सके जिससे सामग्री खराब ना हो। अगर कोई नदी या नाला या फिर बाढ़ के पानी जैसे हालात को पार करना हो तो एक जगह से दूसरी जगह पहुचने में रस्सी हमसफर बन जाए और मुश्किल हालातों में जान बचाई जा सके।

केरल के बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए भेजी गए स्पेशल बिस्कुट ओर चिपस कुरकुरे नमकीन भी। नंगे पैरों से चलने की चुभन महसूश कोई ना करें बच्चे या बड़े इसलिए जूतों ओर चप्पलों का भी विशेष इंतजाम किया गया। कोई भी मासूम बच्चा बाढ़ के बाद कि बीमारियों महामारी डेंगू चिकनगुनिया से आहत ना हो इसलिए दवाइयों का इंतजाम साथ किया गया। जो लोग बेघर हो गए है उनके लिए खास तरह की लुंगी बनवाई गई जिससे कपड़ों की कमी को पुरा किया जा सके। देश की आर्मी को सैल्युट करके हुए राहत सामग्री में चावल चीनी,लेडिस कपड़े का जखीरा रवाना किया गया।

मुंडका (दिल्ली) के घेवरा मोड़ पर कुलविंदर डागर की अगुवाई में डी डी एस लॉजिस्टिक के प्रांगण में आर्मी से जुड़े लोग, ग्रामीण ,RWA तमाम सम्मानित लोगों ने इस जरूरत के अभियान को रवाना किया।
आयोजन में कैप्टन साहब सिंह, मुकेश सुत्तार, गजेंद्र, राम निवास, दुष्यन्त लाकड़ा, अनिल बाल्यान, राज कुमार,कुलदीप,जितेंद्र आदि गणमान्य लोगों रहें।

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