दिल्ली में भूख से मौतें: राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप, आयोग ने नोटिस भेजे

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ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान नयी दिल्ली , राष्ट्रीय राजधानी में तीन बच्चियों की भूख से मौत को लेकर आज राजनीतिक आरोप – प्रत्यारोप का दौर चला। भाजपा नीत केन्द्र सरकार ने इस घटना के लिए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा जबकि दिल्ली सरकार ने समाज के बड़े तबके के लिए मूलभूत जरूरतों की कमी का मुद्दा उठाया। दिल्ली में तीन नाबालिगों की दर्दनाक मौत स्तब्ध करने वाली है क्योंकि 3.29 लाख रुपये प्रति व्यक्ति आय के साथ राज्य देश में दूसरे स्थान पर है और यह राष्ट्रीय औसत का करीब तीन गुना है। पुलिस ने मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के मंडावली में भूख से तीन लड़कियों की मौत मामले में उनके पिता का पता लगाने के लिए टीमें गठित कीं। यह मुद्दा संसद में भी उठा जहां भाजपा सदस्यों ने आप सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘‘राशन’’ घोटाले के कारण सस्ता खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। इस बीच , राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में दिल्ली सरकार और केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोटिस भेजा। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि केन्द्र ने तीन बच्चों की मौत मामले की जांच के आदेश दिये हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि स्तब्ध करने वाली घटना ‘‘ हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी नाकामी ’’ का परिणाम है। सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) निदेशालय से क्षेत्र में रह रहे लोगों का रिकार्ड रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी देने और जवाबदेही तय करने को कहा। जीटीबी अस्पताल में हुए दूसरे पोस्टमार्टम में किसी चोट के निशान नहीं मिले हैं। एलबीएस अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ . अमिता सक्सेना ने बताया , ‘‘ जख्म का निशान नहीं था। यह पूरी तरह कुपोषण का मामला लगता है। शरीर में हड्डियां निकल आयी थी और पेट , मूत्राशय और मलाशय पूरी तरह खाली था। ’’ सक्सेना ने कहा कि पेट पूरी तरह खाली था इसलिए विशेषज्ञों ने जहर खाने जैसी किसी साजिश की आशंका नहीं जतायी है। उधर , दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में पुलिस और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने मंडावली थाने के प्रभारी और प्रीत विहार (पूर्वी जिला) के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किये और कल तक रिपोर्ट देने को कहा। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने पूर्वी दिल्ली के एसडीएम कार्यालय का दौरा किया और लड़कियों की मां से मुलाकात की। हालांकि बच्चियों की मां की मानसिक स्थिति सही नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा , ‘‘ मैं कहना चाहता हूं कि ये मौतें भूख से हुई हो या गरीबी या बीमारी से , यह हमारी व्यवस्था की सबसे बड़ी नाकामी है। ’’ सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के योजना विभाग को राष्ट्रीय राजधानी में बच्चों की पूरी जनगणना करने का निर्देश दिया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले आईसीडीएस की आलोचना करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आईसीडीएस का गठन भूख से पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए हुआ था। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने परिवार को 25 हजार रुपये देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि दो , चार और आठ साल की तीन बहनों को लेकर उनकी मां और एक पारिवारिक दोस्त लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचे थे जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। लोकसभा में यह मुद्दा उठाते हुए दिल्ली से भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी , प्रवेश वर्मा और महेश गिरि ने आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘‘ राशन घोटाला ’’ हुआ है जिससे सस्ता खाद्यान्न गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इन मौतों के लिए केन्द्र और राज्य दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने पूछा कि क्या सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लिया है। दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने क्षेत्र का दौरा करके कहा कि घटना कई सवाल खड़े करती है कि ‘ आम आदमी कैंटीन ’ को क्या हुआ और अगर लड़की स्कूल गई थी तो उसे मिडडे मील क्यों नहीं मिला। दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि यह आप सरकार और मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल के लिए ‘ शर्म ’ की बात है कि दिल्ली में भूख से तीन बच्चियों की मौत हो गई।

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