कोरोना का टेरर: सीजनल फ्लू के मरीजों में भी टेस्ट की होड़! -आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल में बने नावल कोरोना विषाणु केंद्र में संदिग्धों का तांता -लंबी कतारे अधिकांश को काउंसिलिंग कर भेज रहे हैं डाक्टर -छूट रहे हैं स्टाफ के पसीने

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , दुनियाभर में तबाही मचाने वाले कारोना वायरस यानी कोविड19 से देश की राजधानी दिल्ली शहर का हर शख्स खौफजदा है। हालांकि स्वास्थ्य एजेंसियों में आपसी तालमेल से लोगों में इसके बचाव व रोकथाम के प्रति तेजी से जागरुकता बढ़ने के साथ ही बुधवार को देर रात तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही। अस्पताल प्रशासन का कहना बीते 72 घंटे के दौरान सिर्फ दो अस्पतालों में आए सीजनल फ्लू के कुल 10, 245 लोगों की स्क्रीनिंग ओपीडी और इमरजेंसी में की गई है। इसके तहत सफदरजंग में 5678 दर्ज की गई है। जबकि आरएमएल अस्पताल में 4567 में की जा चुकी है। जिन्हें साधारण रूप से सर्दी, जुखाम, बुखार या फिर खांसी थी और वे कहीं न कहीं सार्वजनिक स्थल या दूसरे राज्यों से हवाई यात्रा और रेल यात्रा दिल्ली आए।
अस्पताल पर है बड़ी जिम्मेदारी :
राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल को कोराना से निपटने के लिए सबसे बड़ा केंद्र बनाया गया है। यहां एसएसबी ब्लॉक में 106 बेड कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा एम्स और डा. राममनोहर लोहिया में भी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। यूनिट के डा. मोहित ने कहा कि लोगों में जांच कराने के लिए दबाव बढ़ता ही जा रहा है तमाम तरह की काउंसिलिंग करना बेदम साबित हो रहा है। दरअसल,इनमें कोरोना टेरर फोबिया व्याप्त हो गया है। देर रात आरएमएल अस्पताल में 200 से ज्यादा ऐसे लोग लाईन में जांच कराने के लिए खड़े थे जिन्हें मामुली सी छींक व वायरल के साथ ही जुखाम के लक्षण पाए गए थे।
डाक्टरों का सख्त तेवर, मास्क की आपूर्ति हुई:
सफदरजंग अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों को बुधवार को पर्याप्त मात्रा में मास्क उपलब्ध कराए गए। अस्पताल के डॉक्टरों ने मंगलवार को मास्क उपलब्ध न होने की शिकायत की थी। अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा था कि कोरोना के खतरे के बावजूद बिना मास्क काम करना जान जोखिम में डालने जैसा है। अस्पताल के डॉक्टरों ने बुधवार तक अस्पताल में मास्क उपलब्ध न होने पर हड़ताल की चेतावनी भी दी थी।
दिल्ली सरकार के 25 अस्पतालों को अलर्ट पर रखा:
केंद्र के अलावा दिल्ली सरकार ने भी 25 अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। इन अलग.अलग अस्पतालों में 230 आइसोलेशन बेड तैयार किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस के उपचार की जिम्मेदारी जिन अस्पतालों को सौंपी गई है। उनमें 19 सरकारी और छह निजी अस्पताल शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने 12 केंद्रों पर कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों के मेडिकल टेस्ट की व्यवस्था भी की है। इसके अलावा लोकनायक जैसे बड़े अस्पतालों में अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को भी नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए नए लोग भर्ती भी किए जाएंगे।

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