भारत चौहान,ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव के बाबत एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है दिल्ली बाल संरक्षण आयोग की इस रिपोर्ट में कई ऐसी बाते है जो आपके बच्चो से जुडी है इस रिपोर्ट में ऑनलाइन गेम्स को लेकर चिंता जताई गयी है
पबजी, फोर्टनाइट, ग्रैंड थेफ्ट ऑटो, गॉड ऑफ वॉर, हिटमैन और पॉकेमोन जैसे वीडियो गेम बच्चों में मानिसक विकार ला रहे हैं बल्कि उनमें हिंसा और क्रोध जैसी प्रवृतियां भी बढ़ा रहे हैं। यह भविष्य के नागरिकों के लिए नुकसान दायक है और अच्छे व्यक्तित्व के विकास में बाधक है। इस संबंध में दिल्ली बाल संरक्षण व अधिकार आयोग (डीसीपीसीआर) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक एडवाइजरी जारी की है जिसके तहत सभी स्कूलों को अपने विद्यार्थियों को ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना होगा। बच्चों को ऑनलाइन गेम के जंजाल से निकालने के लिए आयोग ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय, राजधानी के तीनों निगमों और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद समेत पांच विभागों को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया कि वे स्कूली बच्चों को ऑनलाइन गेम के दुष्प्रभाव से बचाने के बाबत प्रयास करें। साथ ही, इस संबंध में किए गए उपायों की रिपोर्ट अगले 20 दिन के अंदर आयोग को सौंपें। वहीं, अभिभावकों से बच्चों की गतिविधियों और व्यवहार पर बारीकी से नजर रखने की अपील गई है। डीसीपीसीआर की सदस्य रंजना प्रसाद ने बताया कि एंड्राइड, आईओएस और कंसोल प्लेटफार्म पर उपलब्ध अनेक खेल स्त्री जाति से द्वेष, नफ़रत, कपट और प्रतिशोध से भरे पड़े हैं जिससे बच्चों के कोमल मन और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।