भारत चौहान कन्फ़ेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने अतिक्रमण हटाने के अभियान के नाम पर नगर निगम द्वारा दिल्ली के बाज़ारों में विध्वंस का जो तांडव किया जा रहा है उसके तरीक़े पर गहरी नाराज़गी जताए हुए कहा है की इस अभियान के नाम पर नगर निगम द्वारा क़ानूनी रूप से वैध ढाँचों को भी तोड़ा जा रहा है । बिना कोई नोटिस अथवा चेतावनी दिए हुए नगर निगम द्वारा की जा रही कारवाई बेहद अन्यायपूर्ण है जिस्ससे व्यापारियों का ज़बरदस्त उत्पीड़न हो रहा है और नगर निगम का राक्षसी छछरौली सामने आ रहा ।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजे एक पत्र में कैट ने कहा है की व्यापारी किसी भी तरह के अतिक्रमण के ख़िलाफ़ हैं जो सरकारी ज़मीन या फ़ुटपाठ पर बने हैं और ऐसे अतिक्रमण को हटाना चाहिए । वास्तव में ऐसे अतिक्रमण यदि व्यापारियों द्वारा किए गए हैं तो वो ख़ुद हटा लेंगे लेकिन अच्छा होगा यदि नगर निगम ऐसे अतिक्रमण के बारे में सार्वजनिक रूप से सूचित करे जो इस परिधि में आते हैं । दुकानों के बोर्ड भी अतिक्रमण के नाम पर तोड़े जा रहे हैं जबकि बोर्ड केवल दुकान की सतिथि के बारे में ही बताते हैं । नगर निगम को इस बारे में भी दिशा निर्देश देने चाहिए की बोर्ड कैसे हों और उनका साइज़ क्या हो । नगर निगम द्वारा एक सार्वजनिक सूचना इस बारे में देकर व्यापारियों को 15 दिन का समय देना चाहिए जिससे जो भी अतिक्रमण की परिधि में आते हैं व्यापारी उन्हें स्वयं हटा दे । कैट ने श्री बैजल को सुझाव दिया है की वो एक मीटिंग बुलाएँ जिसमें व्यापारियों के प्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हो और मिलजुलकर बेहतर दिल्ली के लिए इस अभियान को चलाएँ जिससे अन्याय न हो ।
कैट ने बैजल का ध्यान सड़कों पर बेतरतीबी रिक्शा और ऑटो रिक्शा की पार्किंग की ओर दिलाते हुए कहा है की इससे सड़क पर आवागमन की चौड़ाई कम हो जाती है और ट्रैफ़िक के चलने में भारी परेशानी होती है । दिल्ली में बड़ी संख्यं में बिना लाइसेन्स के रिक्शा चल रहे हैं । नगर निगम और पुलिस मिल कर इसको ठीक करे । श्री बैजल व्यापारियों सेबातचीत कर एक अच्छे माहौल में अतिक्रमण अभियान चलाएँ । दिल्ली के व्यापारी बेहतर दिल्ली के लिए संकल्पित है और अपनी भागीदारी करना चाहते हैं !