ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, आयुष्मान भारत योजना (पीएमजेएवाई) के तहत दो तिहाई से अधिक लाभार्थियों का उपचार निजी अस्पतालों में हुआ है। यह जानकारी आयुष्मान भारत के सीईओ डा. इंदू भूषण ने साझा की है। वह यहां राजधानी के एक पंचारा होटल में आयोजित इंडिया हेल्थ एंड वेलनेस समिट में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया भी मौजूद थे। डा. भूषण के मुताबिक शुरूआत होने के बाद महज दो महीने से थोड़े ज्यादा समय में 4.6 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।
उन्होंने सभी के लिए सार्वभौमिक और बेहतर गुणवत्ता की हेल्थकेयर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर खासा जोर देते हुए कहा कि इसके तहत आने वाले लोगों की तादाद, मांग आधारित फाइनैंसिंग मॉडल का इस्तेमाल, हैल्थकेयर के लिए सामूहिक रियायत और निजी क्षेत्र के साथ सार्थक जुड़ाव ही पीएमजेएवाई को सबसे अनूठी स्वास्थ्य योजना करार देती है। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए करीब 614.8 करोड़ रु पये की रकम आवंटित की गई है। इस योजना में 6524 सरकारी अस्पतालों और 8562 निजी अस्पतालों को शामिल किया गया है। वहीं कुछ अभी शामिल होने की प्रक्रिया में हैं। सम्मेलन में यूनिवर्सल हेल्थकेयर एक्सेस उपलब्ध कराने की जरूरत, वायु प्रदूषण की समस्या व उससे निपटने के तरीकों और लोगों के लिए हेल्थकेयर को ज्यादा सुगम बनाने के लिए इनोवेशन की जरूरत जैसे विषयों पर चर्चा की गई। एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ज्यादातर लोग अस्पताल में इलाज का खर्च वहन करने की क्षमता नहीं रखते हैं। यह अवरोध डॉक्टर-रोगी संबंधों को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले परिस्थितियां अलग थीं। अब हमारे पास ऐसी हेल्थकेयर सुविधाएं हैं, जिनकी गुणवत्ता विभिन्न शहरों में अलग-अलग है। उन्होंने केरल का उदाहरण यहां उपलब्ध हैल्थकेयर की बुनियादी सुविधाएं उत्तर प्रदेश या बिहार में मिलने वाली हैल्थकेयर सुविधाओं से बिलकुल अलग है