ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों ने लाइबेरिया के किशोर का सफल इलाज किया है जिसके बाद मरीज 11 साल बाद अपने हाथ-पैर हिलाने में सक्षम हुआ है। लाइबेरिया निवासी 15 साल के मोहम्मद इब्राहीम मोरिंगा का जन्म सिकल सेल एनीमिया रोग के साथ हुआ। इस बीमारी में मानव शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं असामान्य होती हैं । रोगी के शरीर में पानी की कमी के कारण यह असामान्य कोशिकाएं धमनियों में रु कावट पैदा कर रक्त के प्रवाह को बंद कर सकती है । इसी कारण साल 2008 में इब्राहीम को मस्तिष्क में स्ट्रोक हुआ, और उसके शरीर के अंगों में शिथिलता आने लगी। पैरों से शुरू हूई कमजोरी धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी अंगों में भी होने लगी और अंतत: वह शय्याग्रस्त हो गया। किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ था और अपने सामान्य दैनिक कार्यो के लिए भी वह दूसरों पर निर्भर हो गया। इब्राहीम की इस अवस्था को देख उसके पिता उसका इलाज कराने के लिए भारत आए। दिल्ली के धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टरों ने इब्राहीम का उपचार किया।
मांसपेशिया शिथिल:
लम्बी अवधी से चली आ रही इस शिथिलता के कारण इब्राहीम की मांसपेशियों में काम करने की क्षमता समाप्त होने लगी और जोड़ भी विकृत हो गए। इब्राहीम की यह अवस्था मांसपेशियों में जकड़न के कारण हुई थी, जो असामान्य तंत्रिका नियंतण्रसे होता है। इस अवस्था में आने से पहले अपने स्कूल में फुटबॉल खेलने वाला इब्राहीम अब अपने हाथ से एक निवाला खाने में भी असमर्थ हो गया था ।
रीढ में दवा वितरण पंप डाला :
अस्पताल के डा.आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि उसका इलाज बैक्लोफेन नामक दवाई से शुरू किया, जो कि जकड़न को कम करती है। बैक्लोफेन के 25 माइक्रोग्राम का एक इंजेक्शन रीढ़ कि हड्डी के रास्ते मस्तिष्क में बहने वाले पानी ( सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड) में दिया गया। इस दवाई के पश्चात इब्राहीम अपने हाथ से कुछ खाने में सक्षम हो गया । वह ग्यारह साल के बाद अपने हाथों और पैरों से काम ले पाया । बैक्लोफेन की सफलता को देखते हुए डॉक्टरों ने इब्राहीम की रीढ़ में एक दवा वितरण पंप डाला जिससे बैक्लोफेन की अत्यंत छोटी मात्रा को निरंतर सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में भेजा जा सके। इब्राहीम के अंगो में निरंतर सक्षमता बढ़ रही है। अब इब्राहीम को मांसपेशियों की जकड़न को कम करने की आवश्यकता होगी। गहन व्यायाम द्वारा शरीर के अंगो की क्षमता व नियंतण्रमें लाभ होगा। डॉक्टरों का कहना है कि वह खुद उड़ खड़ा होने में सक्षम हो जाएगा।