कैडर है चतुर्थ श्रेणी का लेकिन आबंटित करा लिया टाइफ फोर श्रेणी का हॉस्टल -मामला है लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के नर्सिग हॉस्टल का -सतर्कता विभाग कर रही है जांच, थमाया आरोपी को चार्ज सीट

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज में नर्सिग हॉस्टल में नियम कानून ताक पर रखते हुए चतुर्थश्रेणी के कर्मचारी काबिज होने का मामला सामने आया है। नियमानुसार नर्सिग हॉस्टल में फेमेल प्रशासनिक अधिकारी को ही फ्लैट आबंटित किया जाता है। इसके लिए सिर्फ प्रिंसिपल ट्यूटर स्तर ही इनटाइटल होता है। जो अपने कैटेगरी के अनुसार टाइफ फोर श्रेणी हॉस्टल का हकदार होता है। लेकिन लेडी हार्डिग प्रशासन की संवेदनहीनता के चलते नर्सिग हास्टल में नरेश त्यागी नामक के चतुर्थ श्रेणी को फ्लैट आबंटित किया गया है। कैडर के अनुसार श्री त्यागी को टाइप टू श्रेणी का ही फ्लैट आबंटित किया जा सकता है। यह फ्लैट नर्सिग हॉस्टल में नहीं हो सकता है।
इस आश्य की शिकायत लेडी हार्डिग हास्पिटल प्रशासन से नर्सिग स्टूडेंट्स ने किया है। लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डा. राजीव गर्ग और सातर्कता विभाग के भेजी शिकायत में आरोप लगाते हुए मांग की गई है कि त्यागी को जल्द से जल्द हॉस्टल से अन्यत्र भेजा जाए। सर्तकता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नरेश त्यागी चतुर्थ जबकि और विशम्बर दयाल (फार्मास्टि) पद पर कार्यरत है। करीब 5 साल पहले पेशेंट स्वीचर, वाईकल्र में घपला करने के आरोप में अब तक चार से अधिक बार चार्जशीट जारी की जा चुकी है। पुलिस में भी मामला दर्ज है, जिसमें करीब 25 लाख रुपये के सर्जिकल सामान चोरी हो हो गया था। नरेश त्यागी उस दौरान स्टोर में कार्यरत थे। मेडिकल स्टोर की तरफ से यह शिकायत की गई थी जितना सामान आया ताला तोड़कर चोरी हो गया था। जांच की गई स्वीचर ही गायब थे, ऑपरेशन थियेटर में प्रयोग किया जाता है। सर्जरी स्टीच लगाते हैं। एक पेशेंट स्वीचर की प्रति कीमत है करीब 100 रुपये तक है। वाईकल्र अंदर की मासपेशियों को अंदर से सिलते हैं। जबकि प्रति वाईकल्र की कीमत 400 से 500 रुपये तक बताई गई। इस गड़बड़ मामला आने के बाद पहले लेबर सेल में भेजा गया उन्हें अब लांड्री भेज दिया गया है। जबकि विभर दयाल को लेडी हार्डिग के फाम्रेसी विभाग से खिचड़ी पूर स्थित फाम्रेसी में तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा आबंटन किसके दबाव में किया गया इसकी जांच की जा रही है। लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के निदेशक डा. राजीव गर्ग ने बताया कि नर्सिग स्टूडेंट्स की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। जल्द ही उनसे टाइप फोर हास्टल खाली कराने संबंधी निर्देश जारी किया जाएगा। इस मामले में नियमों की अनदेखी करने वालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। मेडिकल स्टोर से लाखों रुपये की चोरी का मामला दरअसल, तत्कालीन निदेशक रहे अतुल मुरारी के कार्यकाल का है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है।

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