कॉपी, किताबों की कीमत बढ़ने के विरोध में स्कूली बच्चों व अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

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भारत चौहान नई दिल्ली , कॉपी, किताबों की कीमतें बढ़ जाने के विरोध और कीमतें अभिलंब कम करने की मांग को लेकर शनिवार को राजधानी के विभिन्न स्कूलों के बच्चों और उनके अभिभावकों ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। स्कूलों की कॉपी, किताबें महंगी हो जाने पर उनका कहना था कि अमरीका समेत अन्य विदेशी मुल्क से जो पेपर की आपूर्ति की जाती थी उसे बंद कर दी गई है। जिससे कॉपी, किताबों के दाम बढ़ रहे है। इस दौरान कुछ लोगों के हाथों में थाली और चम्मच था जिसे वे विरोधस्वरूप बजाकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे।
प्रदर्शन में शामिल बच्चों और उनके अभिभावकों के हाथों में पोस्टर बैनर थे जिन पर पेड ही हमारे सच्चे मित्र, पर्यावरण बचाओ, सफेद कागज की कालाबाजारी बंद कराओ, कागज के व्यापार पर सरकार की है काली नजर, महंगी होगी कापी किताबें तो कैसे पढ़ेंगी बेटा-बेटियां, अगर घटेगा कागज आयात तो कैसे होगी शिक्षा साकार आदि स्लोगन लिखे थे। रोहित नामक बच्चे के पिता पियुस जैन ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को जल्द हस्तक्षेप कर पेपर की आपूर्ति संबंधित देशों से बहाल करनी चाहिए। स्माल स्केळ पेपर कन्वर्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर तले विभिन्न पेपर रीजनल एसोसिएशनों के समर्थकों ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। प्रदर्शन के संयोजक एवं चेयरमैन विनय जैन ने कहा कि अमरीका पेपर आपूर्ति भारत में सस्ती दर पर आपूर्ति सालों पहले से करता आ रहा है। अमरीका से जो पेपर आता है उसका 80 फीसद स्कूल, कॉलेज कॉपी, किताबों के लिए इस्तेमाल करते हैं। जिसे कुछ बिचोलियों के चलते बंद कर दिया गया है। पेपरों की एसोसिएशन के प्रतिनिधि विकास बाबर ने कहा कि नौकरी दे नहीं सकते तो छिनों नहीं बेरोजगार हो गए तो क्राइम रेट बढ़ेगा। छोटी मशीन रिमोट जगह में होने से उनको प्रेस बंद करनी पड़ेगी और हजारों प्रेस बंद हो जाएगी, लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। अशोक अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक बंद करने की अपील की लेकिन कुछ लोगों ने कागज ही बंद कर दिया।

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