भारत चौहान नयी दिल्ली, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राज्य बाल आयोगों से कहा है कि वे ‘पोषण माह’ के दौरान पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रमों का आयोजन और सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू करें। देश में कुपोषण और एनीमिया की समस्या पर अंकुश लगाने के मकसद से सरकार ने 2018 में ‘पोषण माह’ की शुरुआत की थी। यह हर साल सितंबर महीने में मनाया जाता है। राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोगों को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर कहा कि देश में कुपोषण ‘अस्वीकार्य रूप से बहुत ज्यादा’ है और इस स्थिति में सुधार के लिए व्यापक रूप से जागरुकता फैलाने की जरूरत है। उसने राज्य आयोगों से कहा कि वे आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूलों और बाल गृहों में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करें। एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘यह पोषण माह एक मंच होगा जिसके माध्यम से सभी संबंधित पक्ष कुपोषण की समस्या से लड़ने के समान लक्ष्य की दिशा में काम करेंगे।’’
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