ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , मातृ, बाल एवं किशोर स्वास्थ्य की ओर बढ़ते कदम को साकार करने के लिए पार्टर्स फोरम 2018 के पहले दिन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदॉन ने बीते चार साल के दौरान प्रारंभ की गई स्वास्थ्य संबंधी दर्जनभर से अधिक जीवन कल्याणकारी योजनाओं को लक्ष्य तक पहुंचने का दावा किया।
सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हमने हर लक्ष्य को गंभीरता पूर्वक अम्ल में लाने के लिए स्वास्थ्य सेवी संगठनों के साथ ही निजी और सरकारी डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की मदद ली। यही वजह है कि उम्मीद के अनुरूप हमें तमाम योजनाओं का लाभ मिला।
एक नजर में स्वास्थ्य सेवाओं की पहल:
-मिशन इंद्र धनुष के अंतर्गत 3.37 करोड़ बच्चों और 86.67 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण।
-प्रधानमंत्री सुरक्षित माताृत्व अभियान के अन्र्तगत 1.60 करोड़ से अधिक महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच
-घर घर नवजात देखभाल के अन्र्तगत सालाना 1 करोड़ से अधिक नवजात शिशुओं की आशा कार्यकर्ता द्वारा देखभाल।
-लक्ष्य-प्रसूति कक्ष और मातृत्व आपरेशन थियेटर गुणवत्ता सुधार पहल। 2090 स्वास्थ्य सुविधाओं को गुणवत्ता प्रमाण-पत्र।
-करीब 13,48 करोड़ बच्चों का खसरा-रूबेला (एमआर) टीकाकरण निष्क्रिय पोलियो का टीका (आईपीवी) की करीब 6.76 करोड़ खुराकें दी गई।
-दस्त नियंतण्रपखवाड़े के कहत वर्ष 2015 से अब तक, 5 साल से कम आयु के 28.30 करोड़ से अदिक बच्चों का लाभ मिला।
-जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्र्तगत 1.16 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभ।
-न्यूमोकोक्किलटीका की 59.87 लाख स अधिक खुराकें दी गई। इसके तहत रोटावायरस टीका (आरडब्ल्यू) की करीब 2.78 करोड़ खुराकें दी गई।
-एनसीडी क्लीनिक में 3 करोड़ से अधिक मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर सहित, सामान्य गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग।
-करीब 22.70 करोड़ से अधिक बच्चों को राष्ट्रीय कृमिनाशी दिवस पर अगस्त 2018 के दौरान एलवेन्डोजोल की खुराके दी गई।
-1 से 15 साल की आयु के करीब 15.62 करोड़ बच्चा का जेई टीकाक रण अभियान के तहत टीकाकरण किया गया।