अर्शदीप कौर दिल्ली। कौन कहता है कि आसमां में सुराग नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो… कुछ इन्हीं पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए पूरे हौसले और विश्वास के साथ श्रीलंका में टी-20 सीरीज खेलने गई भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने मेजबान टीम को 2-1 से शिकस्त दी और श्रीलंका में दूसरी बार सीरिज पर कब्ज़ा जमाया। रविंद्र कंबोज की कप्तानी में खेले गए इस मुकाबले में शुरू से ही भारतीय टीम का दबदबा कायम रहा। निर्णायक मुकाबले में भारतीय रणबांकुरों ने जीत के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 12.3 ओवरों में 124 रन 4 विकेट खोकर जीत हासिल कर ली। मैन ऑफ द सीरीज बलराज को चुना गया जबकि अंतिम मुकाबले में 4 विकेट चटकाने वाले कप्तान रविंद्र कंबोज को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया।
इंडो व्हीलचेयर क्रिकेट एसोसिएशन के चेयरमैन सर्वेश तिवारी ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ” रविंद्र की कप्तानी में श्रीलंका में सीरीज खेलने गई अपनी टीम पर हमें पहले से ही विश्वास था कि वह वहां से फतह करके लौटेगी। और ठीक ऐसा हुआ भी, आने वाले समय में हमें पूरा विश्वास है कि एशियाई कप में भी भारतीय दिव्यांग टीम का यही प्रदर्शन रहेगा। मेरी शुभकामनाएं सभी खिलाड़ियों के साथ हैं और वह हमारे लिए एक उदाहरण भी हैं कि शारीरिक दिव्यांगता सफलता में कभी आड़े नहीं आती। इसलिए हर किसी को अपने हौसले और साहस को ऊंचा रखते हुए सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ने से बढ़ना चाहिए। इससे कोई भी निश्चय ही वह आसमान की बुलंदियों को छू सकेगा।”
इस खुशी के मौके पर डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी के संस्थापक हारून रशीद ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि “ श्रीलंकाई टीम को उन्हीं की जमीन पर भारतीय रणबांकुरों द्वारा शिकस्त देना हमाऱी टीम के खिलाड़ियों के साहस को दर्शाता है। यह दूसरा मौका है जब भारतीय टीम ने श्रीलंका की टीम को उन्हीं के घर में हराया है हम सभी उनके इस कार्य को सराहते है।”
डिसेबल्ड सोसाइटी के बैनर तले बीते दिनों भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम श्रीलंका में तीन टी-20 सीरीज खेलने गई थी। 23, 24 व 25 अगस्त को हुए इन मुकाबलों में भारतीय टीम ने 2-1 से सीरीज पर कब्जा जमाया। विश्वास के साथ मैदान पर उतरी भारतीय टीम ने पहले ही मुकाबले में जीत दर्ज कर बढ़त हासिल कर ली थी जबकि दूसरा मुकाबला श्रीलंकाई टीम के नाम रहा था। अंतिम मैच निर्णायक था। लिहाजा भारतीय क्रिकेट टीम ने पहले ही अपनी योजना तैयार कर ली थी। कोलंबो के मैदान में खेले जा रहे इस मुकाबले में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले श्रीलंका को बल्लेबाजी करने का मौका दिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की पूरी टीम 19. 4 ओवरों में 123 रन बनाकर ही ऑल आउट हो गई। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने महज 12.3 ओवरों में ही 4 विकेट खोकर 124 रन बना जीत हासिल कर ली और सीरीज पर कब्जा जमा लिया।
श्रीलंका की ओर से गोदारा ने 55 व दिलनायका ने 13 रनों का योगदान दिया जबकि भारतीय कप्तान रविंद्र कंबोज ने 24 रन देकर चार महत्वपूर्ण विकेट झटके। भारत की ओर से बल्लेबाजी करने आए बलराज ने 47, टिक्का ने 33, गुलामदिन में 18 व कैलाश ने 17 रन जोड़कर जीत में अपना योगदान दिया। निर्णायक मैच में रविंद्र कंबोज के उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीँ सभी मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बलराज को मैन ऑफ द सीरीज से नवाजा गया। इस तरह भारतीय टीम ने श्रीलंकाई टीम को उन्हीं की जमीन पर एक बार फिर हार का स्वाद चखाया।