ज्ञान प्रकाश मुंबई, तापीय बिजली की अधिक मांग और घेरलू कोयला उत्पादन वृद्घि जरूरत से कम रहने के चलते चालू वित्त वर्ष में कोयला आयात बढकर 6.2 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। इंडिया रेंिटग्स ने यह बात कही। रेंिटग एजेंसी के अनुसार, बिजली उत्पादन मांग को पूरा करने के लिये चालू वित्त वर्ष में 6.2 करोड़ टन आयातित कोयले की जरूरत पड़ सकती है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.6 करोड़ टन था। इंडिया रेंिटग्स ने बयान में कहा, ’चालू वित्त वर्ष के शेष समय में बिजली की मांग बेहतर बने रहने की संभावना और जरूरत के अनुरूप वृद्धि में ताप विद्युत क्षमता के योगदान के चलते कोयले की उपलब्धता एक प्रमुख कारक बन गया है। घरेलू गैर-कोंिकग कोयले के उत्पादन और उठाव में ऐतिहासिक वृद्धि को देखते हुये 2017-18 की तुलना में आयातित कोयले की अधिक जरूरत होगी।’ एजेंसी के मुताबिक, घरेलू कोयला उत्पादन में जरूरत से कम वृद्धि और अल्पकाल में बिजली की कीमतों के मजबूत बने रहने की संभावना है। आयातित कोयले के इस्तेमाल से इसके पूरा होने की उम्मीद है।
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