ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों के 84 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें से 10 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आये चार हजार से अधिक लोगों का पता लगा लिया गया है जिन्हें डाक्टरों की सघन निगरानी में रखा जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेष सचिव संजीव कु मार ने शनिवार को यहां कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तैयारियों की यहां मीडिया ब्रीफिंग में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या फिलहाल 84 हो गई है जिनमें से 10 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
52 प्रयोगशालाएं तैयार, बचे गैर जरूरी विदेश यात्राओं से:
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए देश में इस समय पूरी तरह तैयार प्रयोगशालाओं की संख्या 52 कर ली गई है। केंद्र सरकार विदेशों में रह रहे भारतीयों को लेकर काफी सावधान है और महान एयरलाइंस की एक फ्लाइट ईरान में फंसे भारतीयों को लेकर आज रात मध्य रात्रि मुंबई पहुंच जाएगी। इसके अलावा एयर इंडिया की एक विशेष उड़ान इटली के मिलान से भारतीय छात्रों को लेकर आएगी। भारतीय नागारिकों को गैर जरूरी विदेश यात्राओं से बचने की सलाह दी गई है और जिन देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले अधिक हैं या जहां इसके असर से मरने वालों की रिपोर्ट बार-बार मिल रही हैं, वहां की यात्रा नहीं करने की लोगों को सलाह दी गई है।
श्री कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फै लने से रोकने, नियंत्रित करने और उसके प्रबंधन के लिए समय रहते अनेक सख्त कदम उठाए हैं, जैसे यात्रा प्रतिबंध, सभी प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग, वीजा रद्द करना, सेल्फ क्वारंटाइन आदि उपाय शामिल हैं। सभी अनिवार्य सुविधाओं जैसे सामुदायिक निगरानी, क्वारंटाइन, आइसोलेशन वार्ड, प्रशिक्षित मैनपावर, रैपिड रेस्पांस टीमों को सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में और मजबूत किया जा रहा है।
दूर होगी मास्क और सेनिटाइजर की कमी:
मास्क और सेनिटाइजर की कमी और कालाबाजारी रोकने के लिये सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 30 जून, 2020 तक मास्क और सेनिटाइजर को अनिवार्य वस्तुएं घोषित कर दिया है। इस अधिनियम के तहत राज्य इन सामग्रियों के निमार्ताओं को इनके उत्पादन बढ़ाने के लिये कह सकते हैं ताकि इनकी आपूर्ति लगातार होती रहे।
सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 को अधिसूचित करने के लिये राज्यों को सलाह दी है। इस अधिनियम के तहत राज्य किसी भी व्यक्ति को कु छ उपाय करने के लिए अपने अधिकार में ले सकते हैं। सार्वजनिक नोटिस देकर बिन्दु निर्धारित कर सकते हैं जिनका अनुपालन जनता को करना होगा। अनेक राज्यों ने इस अधिनियम को अधिसूचित कर दिया है।
विभिन्न निधियों के धन का होगा प्रयोग:
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य अब राज्य सरकार की निधियों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निधियों के साथ-साथ राज्य के आपदा प्रतिक्रिया कोष से भी निधियां निकाल सकते हैं। केंद्र सरकार इस निधि के प्रयोग में सहयोग करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निम्स आइटमों के लिए राज्य आपदा राहत निधि (एसडीआरएफ) के प्रयोग के लिए राज्यों को विस्तार में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
मृत व्यक्तियों और संदिग्धों को सहायता राशि:
इसमें मृत व्यक्तियों तथा कोरोना वायरस पॉजिटिव व्यक्ति जिसे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है,के परिवार को सहायता राशि का भुगतान, क्वारंटाइन, नमूने लेने और स्क्रीनिंग के उपाय, प्रभावितों और क्वारंटाइन शिविरों में रखे गए लोगों के लिए अस्थायी आवास, भोजन कपड़ों के लिए प्रावधान तथा इस बीमारी से निपटने के लिए अनिवार्य उपकरणों और प्रयोगशालाओं की व्यवस्था भी शामिल है।
कोरोना के 84 मामलों की पुष्टि, 52 लैब जांच के लिए तैयार
संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 4 हजार लोगों को सघन निगरानी में -बचे गैर जरूरी यात्राओं से, यूनिवर्सल स्क्रीनिंग अनिवार्य