ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पश्चिमी दिल्ली में जिस 68 वर्षीय महिला की मौत हुई थी उसके बेटे की हालत स्थिर है और सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
अस्पताल के पृथक केंद्र के एक वरिष्ठ चिकित्सक के अनुसार जनकपुरी निवासी 46 वर्षीय व्यक्ति को शुक्रवार को डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल में स्थनांतरित किया गया था। शनिवार को सेहत में सुधार होने पर उसे गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) से पृथक वार्ड में स्थानांतरित किया गया। अस्पताल के सीएमओ डा. राज कुमार के अनुसार वह आईसीयू से बाहर है और उसकी हालत स्थिर है। वह बिस्तर पर नहीं है। सनद् रहे कि रविवार को उसकी 68 वर्षीय कोरोना वायरस पीड़िता मां की मृत्य के बाद निगम बोध घाट पर चिकित्सकों की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया था। जिसमें वह शामिल नहीं हो सका। मेडिकल रिपोर्ट्स में उसकी ट्रेबल रिकार्ड के अनुसार इस व्यक्ति ने बीते माह 5 फरवरी से 22 फरवरी के बीच स्विट्जरलैंड और इटली की यात्रा की थी और 23 फरवरी को भारत लौटा था। उन्होंने बताया कि शुरूआत में उसमें संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए थे लेकिन कुछ दिन बाद उसे बुखार और खांसी की शिकायत हुई एवं 7 मार्च को डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल को इसकी सूचना दी गई।
बेटे की लापरवाही से मां की हुई कोविड-19 संक्रमण से मौत:
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत उसके पूरे परिवार की जांच की गई और उसे एवं मां को बुखार और खांसी की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे सांस लेने की गंभीर समस्या होने पर ऑक्सीजन सहयोग पर रखा गया। इस व्यक्ति की मां मधुमेह और उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित थी। आठ मार्च को उनका नमूना लिया गया और जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई और अगले दिन उनकी सेहत और बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती किया गया। सांस लेने में परेशानी होने के बाद महिला को जीवन रक्षक पण्राली पर रखा गया। हालांकि, कई अन्य परेशानियों की वजह से 13 मार्च को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उनकी मौत हो गई। एक डाक्टर ने नाम का खुलासा करने की शर्त पर बताया कि संक्रमण उसके जिंदगी से जूझ रहे बेटे की संवेदनहीनता के चलते हुई।