एम्स में मरीजों के बहुरेंगे दिन, रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द -स्पेशल सेलेक्शन कमेटी की रिपोर्ट को संसद समिति ने लिया संज्ञान -सर्जरी, जांच समेत अन्य नैदानिक जांचों की वेटिंग होगी कम

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सब कुछ ठीक रहा तो लंबे अर्से से विभिन्न विभागों में डाक्टरों, तकनीकी कर्मियों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इसके लिए स्पेशल सेलेक्शन कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें एम्स प्रशासन के चिकित्सा अधीक्षक समेत 11 सदस्यों को शामिल किया गया है। समिति रिक्त पदों की स्थिति के बारे में कुछ दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को अवगत कराया था। जिसमें कहा गया है कि ये रिक्त पद बीते एक दशक से रिक्त हैं। लेकिन यहां पर मरीजों का दबाव दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। मरीजों की दिक्कतों को दूर करने के लिए यह जरूरी है कि पहले चरण में रिक्त पदों को भरा जाए। इस मामले में अब तक भेज गई करीब ढेड दर्जन से अधिक सिफारिशों को स्वास्थ्य मंत्रालय नजरंदाज करता रहा है। नतीजतन मरीज और डाक्टरों के मध्य आए दिन इलाज में लेट लतीफी और सर्जरी के लिए लंबी डेट देने जैसे मामले आए दिन सुर्खियों में रहते हैं। स्पेशल सलेक्शन कमेटी अपनी रिपोर्ट बीते सप्ताह सौंपा थी।
संसद की समिति ने लिया संज्ञान:
संसद की एक समिति ने एम्स नई दिल्ली में कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए कहा है। समिति ने कहा है कि इसके बिना दूसरे राज्यों में संस्थान का विस्तार बेमानी साबित होगा क्योंकि मरीजों को उचित चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं मिल पाएगी। एम्स अधिनियम के तहत जिन नियमों/विनियमों से संबंधित अधीनस्थ विधेयक समिति, 1956 ने सरकार द्वारा मुहैया कराई गई जानकारियों पर निराशा व्यक्त की गई। जिसमें एम्स, नई दिल्ली में शिक्षकों के 245 पद जबकि गैर शिक्षण कर्मचारियों के 2,025 पद खाली हैं।
देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित हुए छह नये एम्स में 1,303 शिक्षक पद खाली हैं। समिति का यह मत है कि प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त और सबसे कुशल कर्मचारियों का होना जरूरी है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में गैर शिक्षण कर्मचारियों की संख्या में इस कदर कमी से संस्थान की भर्ती की खामियों से भरी नीति करार दिया है। समिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय को नए एम्स संस्थानों के साथ अधिकतम कर्मचारी अनुपात को ध्यान में रखते हुए एक व्यक्तिगत नीति तैयार करने का भी सुझाव दिया है।
जल्द होगी नियुक्तियां:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कानूनी और वित्तीय सिफारिशों के बाद रिक्त पदों को चयन किया जाएगा। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया सितम्बर 2018 के अन्तिम सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी। ऐसा होने के बाद यह तय है एम्स में मरीजों की दिक्कतें कुछ कम होगी।

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