मां कूष्मांडा माता का विधि विधान से की गई पूर्चा अर्चना -तेज धूप निकालने के बावजूद श्रद्धालुओं के भक्तिमय जोश में नहीं दिख रही है कमी

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , राजधानी के शक्तिपीठ, सिद्धपीठ, मंदिर मां भगवती के जयघोष से गुंजायमान हो रहे हैं। वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन, प्रसिद्ध शक्तिपीठ बद्री भगत झंडेवाला देवी मंदिर में मां भगवती के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना कर सबकी सुख – समृद्धि की कामना की गई। इस शक्तिपीठ की ख्याति भारत वर्ष में ही नहीं पूरे वि में फैली हुई है जो भक्तो को मां के दरबार तक खींच लाती है। मां कुष्मांडा का निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, चारो और अंधकार ही अंधकार था तब इन्ही देवी ने अपने इष्ट हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। ऐसी मान्यता है कि इसके पूर्व ब्रह्मांड का अस्तित्व नहीं था। बुधवार को उत्सव के पांचवे दिन मां स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाएगी।
झंडेवाला देवी मंदिर का नाम दिल्ली के दर्शनीय स्थलों में होने के कारण विदेशो से भी श्रद्धालु मां के दशर्न करने आते रहते है। हाथों में प्रसाद की थालियां लिये इन पर्यटको को बड़ी श्रद्धा के साथ मंदिर में माथा तक कर प्रसाद लेते देखा जा सकता है। कई गणमान्य विभूतियों ने भी मंदिर में माथा टेका। आज मंगलवार होने के कारण मंदिर की महिला मंडली ने सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक मां भगवती का गुणगान किया गया। श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर, छतर पुर, श्री कालिका पीठ मंदिर कालका जी में महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने मां के चतुर्थ स्वरूप का पूजन कराया। मंदिर में विकल्याणार्थ शतचंडी महायज्ञा में आहूतियां डालने के लिए हर वर्ग के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रीसंतोषी माता मंदिर, हरी नगर में भी उत्सव जारी है। बद्री भगत वेद विद्यालय मंडोली से आये विद्यार्थियों व आचार्य द्वारा प्रात: दुर्गासप्तशती एवम् सायं वेद मंत्रो का सस्वर पाठ करके सारे वातावरण को पवित्र कर दिया।

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