तंबाकू के नुकसान को कम करने, वेपिंग उत्पादों के संदर्भ में पीएमओ, स्वास्थ्य एजेंसियों को भेजा पत्र -तंबाकू पर लगे पाबंदी, ई सिगरेट के नुकसान के लिए न्यू गाइडलाइन की है दरकार

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , तंबाकू निर्मित उत्पादों के इस्तेमाल को खत्म करने और लोगों को इसके इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करने के लिए केंद्रीय नीति बनाने मांग अब देशव्यापी स्तर पर उठने लगी है। इस संदर्भ में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, आईएमए ने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के साथ स्वहस्ताक्षर युक्त एक पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। इसके अलावा यह पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राज्य के स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य सचिव को ई-सिगरेट सहित वेपिंग उत्पादों की नीतियों एवं विनियमों के बारे में लिखा है, जिसका प्रकाशन इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल प्रेक्टिस (आईजेसीपी) के अप्रैल संस्करण में किया जाना है।
पत्र का मजमून:
आईजेसीपी की वेबसाईट पर साझा किया गया सहमति वक्तव्य इन उत्पादों के लिए विनियामक ढांचे की आवश्यकता पर रोशनी डालता है, जिसके अनुसार व्यस्क लोग धूम्रपान की लत छोड़ने के लिए गुणवत्ता-नियंत्रित उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि उन्हें कम नुकसान पहुंचे। इसके अलावा इस पत्र में कि वेपिंग उत्पादों की नीतियां सुनिश्चित करने की अपील सरकार से की गई है।
मुख्य विंदु:
विपणन और विज्ञापन, युवाओं के लिए पहुंच, ये उत्पाद सिर्फ 21 साल से अधिक उम्र के धूम्रपान करने वालों को ही सुलभ होने चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इनसे सुरक्षित रखना, जागरु कता अभियान के माध्यम से इसके इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी देना। लेबलिंग, निर्माण पर गुणवत्ता नियंत्रण, संदूषकों के लिए मानक।
ये विशेषज्ञ हैं शामिल:
एसीएफआई के अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने कहा कि देश में कराधान, सख्त लेबलिंग नीतियों के बावजूद तंबाकू के बोझ को कम करने के प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं, इन सब कोशिशों के बावजूद सिगरेट के इस्तेमाल में कोई खास गिरावट नहीं आई है। एचसीएफआई तथा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रतिनिधि, चिकित्सक जैसे पीके जुल्का, टी एस क्लेर और अशोक सेठ हमेशा से धूम्रपान करने वालें को यह लत छोड़ने के लिए सहयोग प्रदान करते रहे हैं, उनके स्वास्थ्य को महत्व देते रहे हैं। धूम्रपान करने वालों को सिगरेट की लत छोड़ने में मदद करने के लिए हम चिकित्सकों को सलाह देते हैं कि अपने मरीजों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने वाले उत्पाद इस्तेमाल करने की सलाह दें, साथ ही उन्हें व्यवहार के लिए काउन्सिलिंग भी दी जाए। इसके अलावा जिन मामलों में उपरोक्त तरीके कारगर न हों, वहां वेपिंग डिवाइसेज़ जैसे विकल्पों की सलाह दी जानी चाहिए।

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