दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा छोटे साहिबज़ादों व माता गुजरी जी का शहीदी दिवस मनाया गया साहिबज़ादों का इतिहास पूरे भारत के बच्चों को पढ़ाना बेहद जरूरीः सिरसा

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भारत चौहान नई दिल्ली, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबज़ादों व माता गुजरी जी का शहीदी दिवस आज गुरुद्वारा साहिब माता सुंदरी जी में मनाया गया। इस मौके पर हज़ारों की गिनती में संगतों ने नतमस्तक होकर गुरु साहिब का आर्शीवाद प्राप्त किया।
समागम को संबोधित करते हुए दिल्ली कमेटी अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ऐसे समय में पूरे भारत के बच्चों को छोटे साहिबज़ादों का इतिहास पढ़ाया जाना बेहद जरूरी है। अगर गुरु तेग बहादुर साहिब और छोटे साहिबज़ादे शहादत ना देते तो आज इस देश की सरहदों का नक्शा व स्वरूप कुछ और ही होता।
उन्होंने कहा कि बेहद अफसोस है कि छोटे साहिबज़ादों की शहादत की जानकारी सिख बच्चों को ही नहीं है क्योंकि इसके लिए संजीदगी से प्रयास की कमी रही है। गुरुद्वारा साहिबान में भी हम इतिहास की चर्चा करने तक सीमित हो गये और जब किसी ने यह इतिहास संगत को बताने के प्रयास शुरु किये तो राजनीति की खातिर इन प्रयासों का विरोध होना शुरु हो गया।
श्री सिरसा ने कहा कि छोटे साहिबज़ादों की छोटी उम्र में दिलेरी, हौंसले व देश और कौम के लिए दी गई शहादत का इतिहास पूरे भारत के स्कूलों व कालेजों के सिलेबस में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से अपील की थी जिसके परिणामस्वरूप यह एन.सी.आर.टी में तो शामिल हो गया था पर यह तमिल, मराठी, तेलगु, कन्नड़ सहित हर भाषा में अनुवाद कर प्रत्येक विद्यार्थी को पढ़ाया जाना चाहिए। जब यह इतिहास बच्चे पढ़ेंगे तो उनमें हौंसला व हिम्मत आयेगी व देश और कौम के प्रति जज्बा पैदा होगा।
दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि पूरी दुनिया में मानवता के लिए ऐसी शहादत देने का अन्य कोई प्रमाण नहीं है। जब ऐसी वीर गाथा ही कोई और ना हो तो सबसे पहले देश में और फिर दुनिया भर के बच्चों को पढ़ाये जाने के प्रयास जरूरी हैं।
समागम को संबोधित करते हुए दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि वह बाल दिवस छोटे साहिबज़ादों के शहीदी दिवस के दिन मनाये जाने की ज़ोरदार वकालत करते हैं। उन्होंने इस मामले को प्रधानमंत्री के पास उठाया है और अगले वर्ष शहीदी दिवस वाले दिन से पहले भारत सरकार की तरफ से कोई ना कोई बड़ा फैसला इस सबंध में जरूर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस बात को राजनीति से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए क्योंकि इतने बहादुर व हिम्मत , हौंसला रखने वाले बच्चों के एतिहासिक दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाना बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगा।
इस मौके पर दिल्ली कमेटी महासचिव हरमीत सिंह कालका, वरिष्ठ उपाध्यक्षा बीबी रणजीत कौर द्वारा भी अपने विचार रखे गये। स्टेज संचालन की भूमिका जतिंदरपाल सिंह गोलडी द्वारा निभाई गई। इसके साथ ही कमेटी सदस्य- ओंकार सिंह राजा, अमरजीत सिंह पिंकी, परमजीत सिंह राणा, परमजीत सिंह चंडोक जसविंदर सिंह जोली सहित अन्य गणमान्य शख्सीयतें भी मौजूद रहीं।

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