भारत चौहान नई दिल्ली जरा संभलकर, आजकल मौसम की आद्र्रता में हो रहे उतार चढ़ाव आपको बीमार कर सकता है। सरकारी निजी अस्पतालों की ओपीडी, इमरजेंसी में मौसम में बदलाव होने से उल्टी दस्त, पेट में सूजन, बुखार जैसे मौसमी रोगियों का दबाव सामान्य दिनों की अपेक्षा आजकल 20 फीसद तक दर्ज की गई है।
आई7 के निदेशक डा. संजय चौधरी के अनसुार दिन में गर्मी और शाम के बाद मौसम में तरावट बीमारियों के लिए अनुकूल है। इसलिए राजधानी के डॉक्टरों की मानें तो ऐसे वक्त में और भी ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत है। दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल के डॉ. महेश बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में पेट खराब और मुंह में छाले पड़ने जैसी शिकायतों के मामले बढ़े हैं। जबकि अस्पताल के फीवर वार्ड में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है।
ठीक इसी तरह मैक्स अस्पताल के डा. रजनीश मल्होत्रा का कहना है कि इस मौसम में सर्दी-गर्मी की वजह से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। दिन में गर्मी की वजह से लोग खानपान का विशेष ध्यान भी नहीं रख पाते हैं। जिसकी वजह से यह समस्या बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस समय कूलर, एसी, फ्रिज का ठंडा पानी और दोपहर के वक्त ठंडी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही दोपहर को भोजन में संतुलित आहार ही लेना चाहिए।
वहीं सफदरजंग अस्पताल के डॉ. रवि कृष्णन का मानना है कि अभी मौसम में बदलाव का वक्त है। अगले महीने गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। चूंकि इस बार तापमान बढ़ोत्तरी की संभावना ज्यादा है। इसलिए लोगों को भी इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी परेशानी भी इस वक्त मरीज को बड़ी मुसीबत में डाल सकती है।
10 फीसदी तक अस्पतालों में दिख रहा असर:
दिल्ली सरकार के एलएनजेपी, डीडीयू, डा. हेडगेवार, डा. भीमराव अस्पताल, सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग और निजी अस्पतालों सहित मौसम में बदलाव की वजह से करीब 10 फीसदी मरीजों की संख्या बढ.ने का अनुमान है। आचार्य भिक्षु अस्पताल के डॉ. पंकज सोलंकी का कहना है कि इस वक्त बच्चों और बुजुगरे का खास ध्यान रखना चाहिए। जो युवा व्यायाम कर रहे हैं।तरल पदाथरे का सेवन करें ताकि शरीर को पर्याप्त प्रोटीन मिल सकें।
स्वाइन फ्लू का दायरा भी बढ़ सकता है
कालरा अस्पताल के निदेशक डा. आरएन कालरा का कहना है कि पिछले दो दिन से पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम ठंडा होने के कारण दिल्ली में असर दिख रहा है। कभी ठंडा तो कभी गर्म, यही मौसम स्वाइन फ्लू के वायरस को फैलाने में मदद भी करता है। पिछले वर्ष भी इन्हीं दिनों में अस्पतालों में काफी संख्या देखने को मिली थी। इसलिए लोगों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।