राहत मरीजों, रिश्तेदारों को, अब एम्स की कैंटीन में मिलेगा सस्तीदर पर लजीज भोजन -5 रुपये में कचौड़ी, 12 रुपये का आमलेट, 20 का उपमा, 40 रुपये में मिलेगी शाकाहारी थाली

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली ,गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के मामले में एम्स में अब सुदूर राज्यों से आने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों के सुकून भरी खबर है। उन्हें अब एम्स की कैंटीन में स्टाफ और डाक्टरों की तर्ज पर ही सस्ती दर पर लजीज भोजन व अन्य समाग्री मिलेगी। मरीजों की यह आम दिक्कतें रहती थी कि उन्हें फूटपाथ पर अनहाइजनिक फूड महंगी कीमत पर खाना पड़ता है। जिनकी गुणवत्ता पर अक्सर सवालिया निशान लगते रहे हैं। इस बदनामी के भय से अब एम्स प्रशासन ने मरीजों के साथ ही उनके रिश्तेदारों के लिए भोजन सस्ती दर पर करना की पहल की है।
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के अनुसार एम्स की तीन मंजिला कैंटीन में अब मरीजों और तीमारदारों को भी किफायती दामों पर भोजन मिल सकेगा। संस्थान में पहले यह कैंटीन सिर्फ स्टाफ के लिए ही उपलब्ध थी। 15 मई से तीन मंजिला कैंटीन नए तरीके से शुरू होने जा रही है।
अनुबंध है सख्त:
कैंटीन के संचालन की जिम्मेदारी कैटरिंग के व्यवसाय में कई सालों से सक्रिय नामचीन कंपनी को दी गई है। एम्स प्रशासन और कंपनी के बीच सहमति बनी है कि कैंटीन का संचालन जनसेवा के लिए किया जाएगा। आने वाले पांच सालों तक कंपनी 17 व्यंजनों और पेय पदाथरे की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर सकेगी। प्रस्तावित दरों के मुताबिक मरीजों और तीमारदारों इस कैंटीन में 5 रु पये में समोसा, इतनी ही कमत में दाल बड़ा, 40 रु पये में शाकाहारी थाली, 12 रु पये में ऑमलेट, 20 रु पये में वेज उपमा, पांच रु पये में कचोड़ी दी जाएगी। अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस पर खुशी जताई है।
एम्स के उप निदेशक शुभाशिष पांडा ने कहा कि आपूर्तिकर्ता कंपनी से करार किया गया है कि वह गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। वह पांच साल तक खानेपीने की चीजों की कीमत नहीं बढ़ाएगी। किफायती दर पर उसकी कीमतें भी तय कर दी गई हैं। इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) द्वारा प्रमाणित कंपनियां ही हिस्सा ले सकें। उन्होंने कहा कि इस कैफेटेरिया को मरीजों व तीमारदारों के लिए भी खोल दिया गया है।

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