ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , कैट्स कर्मचारियों की हड़ताल के साथ ही इसकी आधी से ज्यादा एम्बुलेंस क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कैट्स एम्बुलेंसों को नुकसान पहुंचाने का काम नकाबपोश कर रहे हैं। प्रशासन ने अलग-अलग इलाकों के थानों में इसकी शिकायत दी है। साथ ही एंबुलेंस पुलिस की सुरक्षा में चलवाई जा रही हैं। ऊधर हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं।
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद से ही एंबुलेंसों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है। हालत यह है कि आधे से ज्यादा एम्बुलेंस खराब होने की वजह से सड़कों पर नहीं हैं। ऐसी एम्बुलेंस की संख्या 150 तक पहुंच चुकी है। किसी एम्बुलेंस के शीशों और उसमें रखे सामान को तोड़ा जा रहा है तो किसी के टायरों को बुरी से फाड़ दिया जा रहा है, ताकि ये चल पाने की स्थिति में न रहें। कैट्स के पास करीब 250 एंबुलेंस हैं।
स्थिति है खतरनाक:
एंबुलेंस को नुकसान पहुंचाने वाले इसका भी ध्यान नहीं रख रहे कि उसमें कोई मरीज भी है। कैट्स के एक अधिकारी के अनुसार मंगलवार देर रात एक बच्चे को एम्बुलेंस के जरिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल से सफदरजंग पहुंचाया जा रहा था। बीच रास्ते में मायापुरी के पास एंबुलेंस पर अज्ञात लोगों ने हमला कर उसका शीशा तोड़ दिया। उस वक्त पुलिस का सिपाही भी उसमें था। गनीमत रही कि मरीज और उसके परिजनों को चोट नहीं लगी। इस हमले की प्रशासन ने थाने में शिकायत दी है। इसके अलावा अज्ञात लोगों ने एंबुलेंस के एक ड्राइवर पर भी हमला किया था। कैट्स के प्रशासनिक अधिकारी लक्ष्मण सिंह राणा ने कहा कि कई एंबुलेंस के क्षति होने के बारे में पता चला है। इसकी शिकायत भी हम पुलिस में दे रहे हैं। एम्बुलेंस को ठीक कराने का काम भी चल रहा है, ताकि ये जल्द ही काम में आ सकें। दूसरी ओर हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं। उनकी हड़ताल का ग्यारहवां और भूख हड़ताल का बुधवार का दूसरा दिन था।