मोदी-शी की मुलाकात से सैन्य संबंध हो सकते हैं स्थिर, सीमाओं पर शांति बहाल हो सकती है: चीनी सेना

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भारत चौहान ,वुहान । पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( पीएलए ) ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को स्थिर बना सकता है , सीमाओं पर शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और मतभेदों को सुलझा सकता है। चीनी सेना के प्रवक्ता कर्नल वु किआन ने बींिजग में मीडिया से कहा कि दोनों तरफ के लोग चाहते हैं कि चीनी और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच संबंधों में स्थिरता आए और सीमाओं पर शांति कायम रहे। मोदी और शी के बीच कल से यहां दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन होना है। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के लिए दोनों नेताओं के बीच आमने – सामने की बैठक में सीमा मुद्दा तथा पिछले साल हुए डोकलाम गतिरोध जैसे मुद्दे उठ सकते हैं। कर्नल वु ने कहा , ‘‘ भले ही दोनों सेनाओं के बीच संबंधों में कुछ कठिनाइयां और बाधाएं हैं , हम आपसी समझ को गहरा करने , पारस्परिक विास को मजबूत करने , मतभेदों को अच्छी तरह से सुलझाने और दोनों सेनाओं के बीच संबंधों के स्वस्थ एवं स्थिर विकास की सकारात्मक ऊर्जा के लगातार दोहन के लिए दिशा – निर्देश के रूप में दोनों देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण आम सहमति का इस्तेमाल करना चाहते हैं। ’’ वह मोदी – शी के बीच शिखर सम्मेलन से उम्मीदों और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण तथा उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंग के बीच बैठक के परिणामों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। कर्नल वु की टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि राष्ट्रपति शी चीन की सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रमुख हैं। शी चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग के भी अध्यक्ष हैं। पिछले साल डोकलाम गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था।

मोदी- शी बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इसी हफ्ते होने वाले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान या विज्ञप्ति नहीं जारी की जाएगी। इसके साथ ही सूत्रों ने आज बताया कि दोनों नेता व्यापक और बड़े मुद्दों पर रणनीतिक बातचीत करेंगे। एक सूत्र ने बताया , ‘‘ यह मुद्दों पर आधारित बातचीत नहीं होगी। ’’ उन्होंने यह टिप्पणी यह सवाल किए जाने पर की कि क्या दोनों नेता एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के प्रयास , आतंकवादी मसूद अजहर के बारे में चीन के रूख जैसे विवादित मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं की यह बैठक 27-28 अप्रैल को होने वाली है। उन्होंने कहा कि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान या विज्ञप्ति नहीं जारी की जाएगी। सम्मेलन में दोनों नेता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे।

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