इस साल स्वाइन फ्लू से मौतें सबसे ज्यादा! -2010 के बाद दिल्ली में मृतकों का आंकड़ा अधिक – इस साल में जनवरी से लेकर अब तक 31 मरीजों ने तोड़ा दम -दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में हर दिन पहुंच रहे मरीज

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , करीब आठ वर्ष बाद दिल्ली में एक बार फिर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के साथ स्वाइन फ्लू के गंभीर परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2010 के बाद पहली बार दिल्ली में स्वाइन फ्लू से सर्वाधिक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि साढ़े तीन हजार से ज्यादा लोग बीमार पड़ चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार राजधानी में साल 2010 के दौरान स्वाइन फ्लू का गंभीर रूप देखने को मिला था। हालांकि इसके बाद भी लगातार मामले हर साल सामने आए लेकिन 2019 में अब तक स्थिति काफी गंभीर दिखाई दे रही है।
दिल्ली नगर निगम पिछले वर्षो की तुलना में इस बार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को नियंतण्रमें बता रहा है जबकि स्वाइन फ्लू को लेकर निगम से लेकर सरकार तक ने चुप्पी साध ली है। बताया जा रहा है कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के बीच भी वर्ष 2010 के बाद फिर से इन रोगों को लेकर गंभीर चुनौती आ खड़ी हुई है।
जागरुकता की है जरूरत:
म्यूनिसिपल कारपोरेशन सेंट्रर जोन के डिप्टी चेयरमैन डा. प्रमोद शर्मा के अनुसार अस्पतालों में वायरल के साथ साथ प्लेटलेट्स कम होने और संक्रमण के मरीज पहुंच रहे हैं। हिंदुराव, स्वामी दयानंद, सफदरजंग, डा. आरएमएल, एलबीएस, डा. हेड ग्रेवार हास्पिटल से लेकर लोकनायक जैसे बड़े सरकारी अस्पतालों में एच1एन1 संक्रमण के संदिग्ध मरीज भी देखने को मिल रहे हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के अलावा स्वाइन फ्लू के लक्षणों में काफी समानता होने के चलते पहली बार में इसकी पहचान करना मुश्किल भरा होता है। इसीलिए अस्पताल आने के बाद मरीज का सबसे पहले मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है।
नार्थ दिल्ली एमसीडी के पूर्व डिप्टी चेयरमैन एवं वरिष्ठ मेडिसिन विशेषज्ञ डा. आरबी सिंह इन दिनों ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि अस्पतालों के मेडिसिन विभाग में हर दिन बुखार उल्टी, बदन दर्द के अलावा सिर में तेज दर्द होने के लक्षण लेकर मरीज ज्यादा और रहे हैं। ज्यादात्तर मरीजों को वायरल की दिक्कत मिल रही है लेकिन कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें एच1एन1 संदिग्ध मानते हुए उनके ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। लोकनायक अस्पताल में भी हर दिन स्वाइन फ्लू संदिग्ध केसों की जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि अब तक यहां करीब 15 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।
यह भी:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में इस साल जनवरी से लेकर 25 अगस्त के बीच स्वाइन फ्लू के 3583 मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए हैंए जिनमें से 31 की मौत हो गई। इससे पहले वर्ष 2010 में दिल्ली में सर्वाधिक 77 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हुई थी। जबकि इसी अवधि में पूरे देश की बात करें तो 27 हजार 401 मरीजों में से 1128 की मौत हो चुकी है।
स्वाइन फ्लू से दिल्ली में सालाना मौतें
वर्ष मरीज मौत
2010 2725 77
2011 25 02
2012 78 01
2013 1511 16
2014 38 01
2015 4307 12
2016 193 07
2017 2835 16
2018 205 02
2019 3583 31 बिगत 25 अगस्त 2019 तक
बचाव:
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के साथ स्वाइन फ्लू के मामले भी सामने आने को लेकर जहां डॉक्टर भी काफी गंभीर चुनौतियां बता रहे हैं। वहीं लोगों को सावधान रहने की सलाह भी दे रहे हैं। आई 7 के निदेशक डा. संजय चौधरी के अनुसार दिल के रोगियों के लिए काफी ध्यान रखने की जरूरत है। सतर्कता बरतने से इनसे बचा जा सकता है। बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाओं के अलावा दिल के मरीजों को ज्यादा एलर्ट रहने की जरूरत है। आंखों के अंदरुनी हिस्से में जलन, सूजन, लाल होने जैसे लक्षण इस बीमारी के वाहक माने जाते हैं। डाक्टर के परामर्श के बाद ही दवाएं लेनी चाहिए।

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