उच्च रक्तचाप बढ़ाता है दिल के दौरे और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा -विशेषज्ञों ने दी चेतावनी, युवा वर्ग तेजी से आ रही इसकी गिरफ्त में

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , खामोश हत्यारे के नाम से कुख्यात उच्च रक्त चाप अथवा हाइपरटेंशन दिल और मस्तिष्क के दौरे के खतरे को कई गुणा बढ़ा देता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्डियालॉजी यूनिट द्वारा 4567 मरीजों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि 67 फीसद युवा उच्च रक्तचाप की गिरफ्त में है। अन्य वर्ग में विशेषकर 60 की आयु पार करने वालों की संख्या में भी बीते सालों की अपेक्षा इस वर्ष 23 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। जहां वर्ष 2015 में 11 फीसद बुजुर्ग लोग उच्चरक्तचाप के शिकार थे वहीं यह संख्या बढ़कर अब 34 फीसद दर्ज की गई है। पेशेंट डाटा इंट्री की तर्ज पर तैयार इस रिपोर्ट में वार्निग दी गई है इस समस्या से बचना है तो फिर नियमित व्यायाम कर, फास्ट फूड से तौबा करना होगा। वि उच्च रक्तचाप दिवस पर विशेषज्ञों ने यह वार्निग जारी की। दुनिया भर में उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है।
यह होती है दिक्कतें:
एम्स कार्डियलॉजी यूनिट के प्रो. डा. राकेश यादव के अनुसार उच्च रक्तचाप के कारण दिल के दौरे एवं ब्रेन अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना हो जाता है और अगर हाइपरटेंशन के अलावा तनाव एवं नींद की समस्या भी हो तो यह खतरा चार गुना तक बढ़ सकता है। कालरा हास्पीटल एंड श्री राम कार्डियो थोरेसिक एंड न्यूरोसाइंसेस सेंटर (एसआरसीएनसी) के निदेशक डा. आरएन कालरा ने ने बताया कि अनेक अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे के बीच गहरा संबंध है। उच्च रक्तचाप हृदय रोग के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है क्योंकि जब रक्तचाप बढ़ जाता है, तो शरीर के चारों ओर रक्त पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस अतिरिक्त काम से दिल की मांसपेशियां मोटी होने लगती है, और इससे धमनी की दीवारें कठोर हो सकती हैं या उन्हें नुकसान भी पहुंच सकता है। इसके कारण, शरीर के अंगों तक कम ऑक्सीजन पहुंचता है, और हृदय के अधिक काम करने के कारण समय के साथ हृदय क्षतिग्रस्त हो जाता है। फोर्टसि एस्कार्ट हार्ट इंस्टीच्यूट एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक डा. राहुल गुप्ता के अनुसार उच्च रक्त चाप न केवल दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाता है बल्कि यह ब्रेन स्ट्रोक का भी एक प्रमुख कारण है। नवीनतम वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार हाइपरटेंशन के कारण ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा दोगुना हो जाता है। सिस्टोलिक रक्त चाप में हर 10 एमएम हीमोग्राम बढ़ने से इस्कीमिक स्ट्रोक का खतरा 28 फीसद तथा हैमेरेजिक स्ट्रोक का खतरा 38 फीसद बढ़ता है। हालांकि उच्च रक्त चाप पर नियंतण्ररखने पर स्ट्रोक होने का खतरा घट जाता है।
यह भी:
देश में 13 करोड़ 90 लाख लोग अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से पीड़ति हैं और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। 2012 में जारी वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1960 में उच्च रक्तचाप से 5 प्रतिशत लोग पीड़ित जो बढ़कर 1990 में लगभग 12 प्रतिशत हो गया। 2008 में यह बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया और लोग अपने 20 के दशक में भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने लगे। उच्च रक्तचाप भारत में सभी स्ट्रोक से होने वाली मौतों में से 57 फीसद और कोरोनरी हृदय रोग से होने वाली 24 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार है।

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