ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, आयुर्विज्ञान क्षेत्र में उत्कृष्ठ स्वास्थ्य एवं नैदानिक सेवाएं देने के लिए विख्यात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन अब एतिहास रचने की तैयारी में हैं। संसद के विशेष अधिनियम 1956 के तहत स्थापित इस संस्थान के इतिहास में पहली बार सालभर में दो बार दीक्षांत समारोह का आयोजन होगा। अचरत वाले तथ्य ये हैं कि एम्स प्रशासन परम्परा के अनुसार हर साल जनवरी माह में या फिर मौजूदा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की रजामंदी के बाद तारीख मुकर्रर करता रहा है। इस वर्ष बीते जनवरी माह में संस्थान अपना 45वां दीक्षांत समारोह आयोजित कर चुका है। अब साल भर में पहली बार दूसरा दीक्षांत समारोह 7 दिसम्बर 2018 को मनाएगा। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इसके मुख्य अतिथि होंगे।
लीक से हटकर क्यों:
एक वरिष्ठ एम्स के फैकल्टी सदस्य ने कहा कि पहले इसी वर्ष के जनवरी माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा चूंकि वह एम्स के अध्यक्ष भी हैं, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था। लेकिन एन मौके पर श्री मोदी किसी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आहूत कार्यक्रम में विदेश दौरे पर थे। एक वजह दोबारा दीक्षांत समारोह करने के लिए यह भी चर्चा में हैं कि 45 वें दीक्षांत समारोह में डॉक्टरों को डिग्रियां बांटते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में देश में डॉक्टरों की कमी पर चिंता जाहिर की थी और डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की बात भी कही थी। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से इलाज के दौरान अमीर और गरीब के बीच फर्क नहीं करने की भी अपील की थी। वहीं देश में सभी बच्चों को पूर्ण टीकाकरण नहीं होने पर चिंता भी जताई थी।
इस बारें में हुई प्रगति और लक्ष्य का खुलासा करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह योजना बना कर एम्स को कुछ समय पहले दी थी। एक अधिकारी ने कहा कि दिसम्बर माह में केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार का लोक सभा में अन्तिम संसदीय सत्र होगा। इसके बाद लोकसभा के चुनाव होंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय दीक्षांत समारोह के जरिए चिकित्सा क्षेत्र में अपने कार्याकाल में की गई उपलब्धियों को गिना कर वैज्ञानिकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को आकषिर्त करेंगे। इसमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य स्वास्थ्य योजना, इंद्रधनुष, मातृत्व, टीकाकरण, नए एम्स का निर्माण की स्थिति समेते अन्य रोगी जन कल्याण योजनाओं को बताएंगे। एक अन्य फैकल्टी सदस्य ने बताया कि इसमें कुछ ऐसे डाक्टरों को भी शामिल किया गया है, जिनकी काबिलियत का लोहा अब दुनिया के विशेषज्ञ मानते हैं उन्हें सम्मान प्रदान किया जाएगा।
डिग्रियां का वितरण:
एम्स एकेडेमिक डीन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 7 दिसंबर को होने वाले दिक्षांत समारोह में 671 डॉक्टरों को डिग्रीयां बांटी जाएगी। इसमें उपराष्ट्रपति 65 पीएचडी करने वालों, 90 डीएम/एमसीएच, 245 एमडी/एमएस /एमडीएस /एमएचए, 67 एमएससी बॉयोटेक, 75 एमबीबीएस,93 बीएससी, 23 पारामेडिक्स और 13 फेलोशीप करने वालों को डिग्री बांटेंगे।