ठंड से बचना है तो जरूर फालो करें डाक्टरों की एडवाइज -अस्पताल प्रबंधन ने प्रतीक्षालय में हीटर, कंबल के प्रबंध किये

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , राजधानी शहर में सर्दी का सितम जारी है। यहीं नहीं सर्द मौसम में शीत लहर ने पूरे उत्तर भारत को अपने कब्जे में ले लिया है, ऐसे में डॉक्टर लोगों को सर्दी से बचने और खुद को गर्म रखने की सलाह दे रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पेन क्लीनिक, एनीस्थिसिया एंड क्लीनिकल मेडिसिन यूनिट के प्रो. डा. वीरेंद्र कुमार मोहन ने हर के लोगों को इस ठंड से बचने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसे लोग जो किसी न किसी भी रोग की दवाएं लंबे समय से ले रहे हैं वे जारी रखे। तबियत बिगड़ने पर खुद दवाएं न बदले, अपने डाक्टर के परामर्श के बाद ही दवाएं लें। यदि बाहर किसी जरूरी काम के लिए निकलना ही है तो निकलने के पहले यह सुनिश्चत कर लें कि पूरा शरीर गर्म कपड़े के अंदर है।
कुछ सामान्य कारण:
ओपीडी में आजकल अन्य गंभीर बीमिारियों के साथ ही सर्दी से होने वाली आकस्मिक बीमारियों में 18 से 20 फीसद तक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। राजधानी के चाहे वह सरकारी अस्पताल या फिर गली मोहल्ले में स्थित क्लीनिक, नर्सिग होम हर जगह सर्दी, जुखाम, कंपकपी, बदन दर्द के मामलें आ रहे हैं।
जरूरी निर्देश:
डा. मोहन ने कहा ज्यादार मरीज अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई), लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (एलआरटीआई), उच्च तनाव, स्ट्रॉक और म्योकार्डियल इंफेक्शन की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इन बीमारियों से अगर बचना है तो खुद को गर्म रखना काफी महत्वपूर्ण है। लोगों को प्रतिदिन चार से पांच गिलास गर्म पानी पीना चाहिए। पारंपरिक हीटर के बजाय तेल वाले हीटर का प्रयोग करें, क्योंकि पारंपरिक हीटर वातावरण को शुष्क कर देते हैं, लेकिन प्रमुख तौर पर अपने शरीर को ऊंनी कपड़े, दस्ताने, टॉपी, मोजे आदि से ही गर्म रखें।
एम्स में ज्यादा मरीज सूदुर राज्यों के:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के अनुसार शीत लहर से प्रभावित यहां आने वाले लोग ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं। यहां के विभिन्न विभागों में ज्यादातर मरीज उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हैं, उनमें बच्चों, शिशुओं और बुजुर्गो की संख्या अधिक है।
वेटिंग लांज में अतिरिक्त प्रबंध:
वहीं ठंड से बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार समेत अन्य अस्पताल के प्रबंधन की ओर से मरीजों के साथ ही उनके रिश्तेदारों को कंबल व हीटर के सामने ही बैठने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए प्रतीक्षालय में हीटर व अतिरक्ति कंबलों की आपूर्ति की जा रही है। मैक्स कैथलैब के निदेशक डा. विवेका कुमार ने कहा कि हमने अस्पताल में अतिरिक्त कंबल, बिस्तर और हीटर का प्रबंध किया है, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो। शीतलहर का यह दौर कुछ और समय के लिए जारी रह सकता है। इसलिए एहतियात नियमित बरतना जरूरी है। आई 7 के निदेशक डा. संजय चौधरी ने कहा कि आंखों में सूजन, सोने के बाद उठने पर दर्द होने, लाल होने जैसे मामले आ रहे हैं। उन्होंने खुद दर्द निवारक ड्राप आंखों में नहीं डालने की सलाह दी। साथ ही कहा कि नेत्र रोग विशेषज्ञ के परामर्श के बाद ही किसी भी प्रकार की दवाएं आंख में डाले।

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