लेबर फंड घोटाले में फंसी दिल्ली सरकार FIR हुई दर्ज

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भारत चौहान नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार घोटालों की सरकार है और आज पुनः इस सरकार का कंसट्रक्शन लेबर फंड घोटाला सामने आया है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल एवं मजदूर नेता पंडित सुखबीर शर्मा, जिन्होंने इस मामले में एन्टी करप्शन ब्यूरो में एफ.आई.आर. दर्ज कराई है, उपस्थित थे।
तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार जिस तरह कभी दलितों, कभी भवन श्रमिक मजदूरों, नागरिक संगठनों के लिये नियोजित फंड का दुरूपयोग करती रही है वह दिल्ली की जनता ने गत 3 साल में देखा है पर आज जो कंस्ट्रक्शन लेबर फंड घोटाला सामने आया है उसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि केजरीवाल सरकार फर्जीवाड़ा करने वालों की सरकार है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कंस्ट्रक्शन लेबर फंड घोटाले के मामले में दर्ज पुलिस एफ.आई.आर. से स्पष्ट होेता है कि केजरीवाल सरकार ने फर्जीवाड़ा करके अपने कार्यकर्ताओं को पहले मजदूरों के रूप में नामांकित किया फिर इन फर्जी मजदूरों के नाम पर लेबर बोर्ड पंजीकृत किया और असल मजदूरों के हकों को मारते हुये अपने इन मजदूर रूपी कार्यकर्ताओं को लेबर फंड से मिलने वाले आर्थिक लाभ बांटे हैं।
उन्होंने कहा कि यह खेद का विषय है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने लेबर वेल्फेयर फंड का दुरूपयोग अपनी पार्टी का कैडर विस्तार करने के लिये किया है जिसके लिये प्रत्यक्ष रूप से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया एवं श्रम मंत्री गोपाल राय जिम्मेदार हैं। भाजपा मांग करती है कि इस फर्जी लेबर बोर्ड को अविलंब भंग किया जाये।
तिवारी ने कहा इससे पूर्व भी हमने देखा कि इस सरकार ने भवन श्रमिक मजदूरों एवं दलित उत्थान के लिये निश्चित फंड का दुरूपयोग किया और दिल्ली में अपने विधायकों के माध्यम से नकली आरडब्ल्यूए बनाकर विकास फंड की हेराफेरी करने का भी प्रयास किया था। अतः यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि केजरीवाल सरकार फर्जीवाल सरकार है।
पंडित सुखबीर शर्मा ने कहा कि केजरीवाल सरकार प्रारम्भ से ही मजदूर विरोधी है और गरीबों के कल्याण के लिये केवल वे ही कार्यक्रम चलाती है जिनसे उन्हें एक वोट बैंक की तरह प्रयोग कर सके पर असल में सरकार मजदूरों के कल्याण के लिये उनके परिवारों की शिक्षा उत्थान के लिये कोई कार्य नहीं करती है। उन्होंने कहा कि इस फर्जी लेबर बोर्ड के माध्यम से लगभग 140 करोड़ रूपये की हेराफेरी का प्रारम्भिक अनुमान है और इसके दोषियों पर सख्त कार्यवाही आवश्यक है।

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