ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वैज्ञानिकों के अनुसार हर 68 सेकेंड में किसी न किसी को अल्जाइमर रोग विकसित हो रहा है। इसे आमतौर पर वंशानुगत माना जाता है क्योंकि इस बीमारी के अधिकांश मामले पुराने तनाव, जीवन शैली में परिवर्तन,आनुवंशिक परिवर्तन और पर्यावरणीय कारकों द्वारा होते हैं। पहले आमतौर पर बुजुगरे में पाई जाने वाली बीमारी थी लेकिन अब युवा लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। इसे आमतौर पर भूलने की बीमारी के नाम पर जाना जाता है जैसे फोन कहीं रख कर भूल जाना, जिस काम से घर से निकले थे, रास्ते में वह काम भूल जाना आदि। इस बीमारी के कुछ उदहारण हैं। पिछले कुछ वर्षो में इस बीमारी के रोगियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है।
बीटा-ऐमेलॉइड है जिम्मेदार:
एम्स में स्नायुतंत्रिका विज्ञान विभाग की प्रमुख डा. मंजरी त्रिपाठी के अनुसार अल्जाइमर से तात्पर्य यह है कि अगर दिन में नींद आने की समस्या हो रही है तो इससे दिमाग में एक तरह का नुकसानदायक प्लाक बन सकता है, जिससे लोगों को अल्जाइमर की समस्या हो सकती है। हमारे दिमाग में बीटा-ऐमेलॉइड नामक प्रोटीन इकट्ठा हो जाता है जो अल्जाइमर को बढ़ावा देता है। वैसे अल्जाइमर के कई लक्षण हो सकते हैं। अल्जाइमर और मनोभ्रंश के बारे में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है। 60 साल की आयु के बाद यह बीमारी तेजी से फैलती है।
नहीं है सटीक इलाज:
जीबी पंत अस्पताल में स्नायुतंत्रिका विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. देवाशीष चौधरी के अनुसार अल्जाइमर साल के सितम्बर माह को वि अल्जाइमर महीने के रूप में जाना जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है जो 2012 में अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल (एडीआई) द्वारा स्थापित किया गया था। अल्जाइमर और मनोभ्रंश के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अपने प्रयासों को जारी रख सकें। अल्जाइमर दिवस का असर बढ़ रहा है, लेकिन डिमेंशिया से जुड़ी गलत जानकारी एक वैिक समस्या बनी हुई है जिसके लिए वैिक कार्रवाई की आवश्यकता है। डा. चौधरी ने कहा कि मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी पाए जाने और पैथोलॉजिकल बदलाव होने के कारण-रोग हो जाने का अधिक डर रहता है। अभी तक इसका कोई सटीक इलाज नहीं ढूंढा गया है। विभर के वैज्ञानिक इसका इलाज खोज पाने में अभी तक कामयाब नहीं हो पाए हैं।
लक्षण, बचाव:
21 सितम्बर को वि अल्जाइमर डे के रूप मनाया जाता है। इसमें याददाश्त कमजोर हो सकती है, किसी समस्या को हल करने में परेशानी आ सकती है, काम करने में समस्याएं आ सकती हैं। दिन में नींद न आए और आप खुद को एक्टिव रख सकें इसके लिए हेल्दी डाइट लें और व्यायाम करें। जोकि स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। केवल सही और अच्छी डाइट से हमारे शरीर के कई रोग दूर होते हैं। बाहर का खान-पान, तेल, ये सभी चीजें स्वास्थ्य को खराब करती हैं।
हर 68 सेकेंड पर अगले में विकसित हो रहा है अल्जाइमर यानी भुलक्कडपन -युवा भी आ रहे हैं अब तेजी से इसकी गिरफ्त में
सितम्बर माह मनाया जाता है अल्जाइमर्स डे