भारत चौहान अहमदाबाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने आज निचली अदालत के उस आदेश को निलंबित कर दिया जिसमें 2015 के दंगा मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को दो साल के कारावास की सजा दी गई थी। न्यायमूर्ति एस एच वोरा ने यह भी आदेश दिया कि हार्दिक को इस मामले में जमानत दी जाए। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, उन्हें उनकी अपील सुने जाने तक पुलिस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करना होगा। उच्च न्यायालय ने हार्दिक की फौजदारी अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए उन्हें राहत दी। अपील पर आने वाले समय में सुनवाई होगी। हार्दिक ने विसनगर अदालत के 25 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें 2015 में आरक्षण आंदोलन के दौरान स्थानीय विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में आगजनी और दंगा करने का दोषी पाया गया था। स्थानीय अदालत ने हार्दिक को दोषी ठहराने के बाद सजा सुनाते हुए उनकी अस्थायी जमानत मंजूर की थी ताकि वह उच्च न्यायालय में अपील कर सकें।
Latest article
एनर्जेन ने उठाईं आईबीसी दिशानिर्देशों के तहत अनुपालन संबंधी चिंताएं
नई दिल्ली, बिजली क्षेत्र के दिग्गज, कोस्टल एनर्जेन, इन दिनों नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में सुर्खियां बटोर रहा है। 2006 में स्थापित यह...
जनसंपर्क अभियान में बोले डॉ. उदित राज- कांग्रेस का मैनिफेस्टो(5 न्याय और 25 गारंटी)
नई दिल्ली, डॉ. उदित राज , राष्ट्रीय अध्यक्ष, केकेसी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस पार्टी, ने बुधवार को रोहिणी के स्वर्ण जयंती पार्क में लोगों...
आर्य समाज वसंत विहार ने धूमधाम से मनाया 150वां आर्य समाज स्थापना दिवस
भारत चौहान नई दिल्ली, आर्य समाज वसंत विहार ने शनिवार को आर्य समाज मंदिर वसंत विहार में 150वां आर्य समाज स्थापना दिवस धूमधाम से...