कोरोना वायरस: स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों के नमूनों की रिपोर्टिग के लिए तैयार किया नए निर्देश -फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में, डाक्टरों, निजी पैथलैब्स के लिए सख्त हिदायतें

ताकि दिल्ली सरकार की न हो फजीहत -पॉजीटिव केस की एक सप्ताह बाद होगी आधिकारिक पुष्टि -निजी पैथलैब लक्षण के आधार पर करेगी जांच, -लेकिन अन्तिम रिपोर्ट का खुलासा एनआईवी की रिव्यू के बाद ही सिर्फ स्वास्थ्य विभाग करेगा

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भारत चौहान नई दिल्ली, कोरोना वायरस को लेकर अगर क्षेत्रीय वायरोलॉजी लैब से रिपोर्ट प्राप्त भी हो गई है तो इसे अधिकारिक नहीं माना जाएगा। स्क्रीनिंग रिपोर्ट के बावजूद कोरोना के पॉजीटिव केस की आधिकारिक पुष्टि में न्यूनतम एक सप्ताह लगेगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा आदेश के मद्देनजर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है। मंगलवार को राजधानी में स्थित कोरोना वायरस की जांच के लिए अधिकृत निजी पैथलैब और अस्पतालों को जल्द ही एक ऐसा ही आदेश जारी किया जाएगा। तैयार हुए आदेश में दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंघला ने कहा है कि देश में एकमात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणो द्वारा ही कोरोना के पॉजीटिव केस की आधिकारिक रूप से पुष्टि की जाएगी। पॉजीटिव केस की जानकारी डॉक्टर तक को नहीं देनी है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस आदेश को संभवत: बुधवार को जारी किया जा सकता है। इसे कल सुबह ही मुख्यमंत्री कार्यालय से स्वीकृति मिलना संभावित है।
खास बातें:
स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तैयार किए गए सख्त आदेश यह कहता है कि अगर किसी क्षेत्रीय लैब में कोरोना के जांच नमूने की स्क्रीनिंग रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तो लैब को इसकी जानकारी गोपनीय रखनी है। यहां तक कि रिपोर्ट की जानकारी मरीज, उसके परिजन, इलाज करने वाले डॉक्टर तक को नहीं देनी है। रिपोर्ट मिलने पर नमूने को करीब 2 मिली अतिरिक्त सैम्पल तत्काल एनआईवी-पुणो को भेजना है और इसकी सूचना भी तुरंत आईडीएसपी, एनआईवी-पुणो व आईसीएमआर को देनी होगी।
जरूरी क्यों:
दरअसल, निजमाद्दीन के तब्लीगी जमात 2345 लोगों की जांच रिपोर्ट तो कुछ दिन में आ गई थी लेकिन पहले चरण में आ गई थी यह रिपोर्ट सीधे मीडिया में लीक कर दी गई थी। जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति की थी। इसके बाद नतीजा यह हुआ की आईसीएमआर ने पुन: दिल्ली सरकार को निर्देश प्रेषित किए। इस कड़ी में 800 जमातियों की प्रथम चरण की कोविड-19 संबंधी रिपोर्ट तो बीते 5 अप्रैल को ही आ गई थी लेकिन सभी प्राप्त नमूनों को पुन: अन्तिम जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया। जिसे आने में 8 दिन का वक्त लगा। निजी पैथलैब द्वारा जांच रिपोर्ट एनआईवी, पुणे की रिपोर्ट भिन्न पाई गई थी। भविष्य में संक्रमितों की रिपोर्टिग गलत न हो इसके लिए यह दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं।

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