सावधान कोरोना: खौफ कोविड-19 को बेखौफ के साथ ही मात देने में जुटे तीन लाख से अधिक सुरक्षा गार्ड!

स्वास्थ्य विभाग ने निजी एजेंसियों के प्रमुखों को जारी किया दिशा निर्देश, सहयोग की सिफारिश - पंचतारा होटल, रेस्तरा, टेम्पल, मैट्रो,आईजीआई एयरपोर्ट पर भी अपना कर रहे बचाव

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ज्ञाननप्रकाश नई दिल्ली , कोविड-19 यानी कोरोना वायरस की रफ्तार रोकने में बेशक एक बार हम केंद्र सरकार के साथ ही राउंड द क्लाक स्वास्थ्य सेवाएं देने वाल डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिग स्टाफ को देंगे। लेकिन इसके इतर इसकी रफ्तार रोकने में दिल्ली सरकार, केद्र सरकार, निजी अस्पतालों, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशनों, मार्केट एसोसिएशनों में सुरक्षा सेवाएं देने में मुस्तैद निजी गार्ड्स को भी श्रेय जाता है। स्वासथ्य विभाग ने ऐसे सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश जारी करते हुए अनुरोध किया है कि वह अपने निजी सुरक्षा दल को नियमित ब्रीफिंग के दौरान कोविड-19 से रोकथाम व सावधानियां, लक्षणों से भी रूबरू कराने के साथ ही किसी तरीका का मास्क पहने, संक्रमित व्यक्ति से कैसे दूरी बनाई जाए आदि भी बारंबार लोगों को बताते रहें। अनुमान है कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और निजी अस्पतालों, पंचतारा होटलों, रेस्तराओं के साथ ही अन्य प्रमुख बाजारों में करीब तीन लाख से अधिक गार्ड्स विभिन्न पालियों में सुरक्षा मामलों में मुस्तैद रहते हैं।
दिल्ली स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हम ऐसे एजेंसियों की मदद ले रहे हैं। जिनका काम है अपनी ड्यूटी देने के साथ ही उनके संपर्क में जाने अनजाने आने वाले आगंतुकों को भी इस कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के लक्षण एवं बचाव के उपाय मसलन यह वायरस एक तरह का संक्रमित वायरस है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के जरिए फैलता है। इस वायरस के लक्षण निमोनिया की तरह है। दिल्ली में अब तक आए सभी पोजिटिव मामलों में से दो पूर्णतया स्वस्थ हो चुका है।
अगर सावधानी बरती जाए तो कोरोना वायरस को आसानी से दूर रखा जा सकता है। इसे दिल्ली के अस्पतालों और एयरपोर्ट पर दिनभर संदिग्ध व संक्रमित मरीजों के बीच में रहने वाले कर्मचारियों ने साबित भी कर दिया है। दिल्ली के सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल में अब तक सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज संपर्क में आए हैं लेकिन यहां के डॉक्टरों से लेकर सुरक्षा गार्ड तक अपना पूरा बचाव कर रहे हैं। इनका भी यही कहना है कि कोरोना का नाम सुनते ही लोग घबरा रहे हैं। जबकि अगर छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें तो वे बच सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि हम इस मामले में बेहतर प्रदर्शन करने वाली एजेंसियों को पुरस्कृत भी करने की योजना बना रहे हैं। इन्हें हम शान्तिदूत का दर्जा भी दे सकते हैं।
कोरोना वायरस रोकथाम मामलों के प्रभारी डा. आशू मीणा के अनुसार मुंह और हाथ इन दोनों का बचाव करने से कोरोना का संक्रमण कभी नहीं लग सकता। अस्पताल में डॉक्टर के अलावा पैरामेडिकल स्टॉफ तक को ये बताया है। इसीलिए कोरोना संक्रमित और संदिग्ध मरीज होने के बाद भी सभी बेखौफ अपना काम कर रहे हैं। आईजीआई के एक अधिकारी ने बताया कि उनके यहां सभी कर्मचारियों का काम काफी चुनौतिपूर्ण है। विदेश से आने वालों से सबसे पहले ये लोग ही मुखातिब हो रहे हैं। हालांकि अब तक इनमें से कोई संक्रमित नहीं हुआ है। इसकी वजह सावधानी बरतना है। इसीलिए सभी लोगों को इनकी तरह सावधानी बरतनी चाहिए।

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