केजरी की न नुकर बेकार, आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना पकड़ने लगी है गति -निजी अस्पतालों की इस योजना में शामिल होने की दिलचस्पी बढ़ी -एम्स, आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल में सबसे ज्यादा मिल रहा है मरीजों को लाभ

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , देश की राजधानी दिल्ली में दिल्ली सरकार उदासीनता के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महात्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना धीमी गति से ही सही लेकिन रफ्तार मिलने लगी है। बीते दो माह माह में जहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विभिन्न डिपार्टमेंट्स में 34 से अधिक सर्जरियां व नैदानिक सेवाएं मरीजों को प्रदान की जा चुकी है। हालांकि इसमें 55 फीसद ऐसे शल्यक्रियाएं संपन्न की गई है, जिसमें मरीज के रिश्तेदार कागजी कार्रवाई पूरी नहीं कर पाए थे, उन्हें अग्रिम राशि जमा करानी पड़ी है, जिसे दस्तावेज जमा कराने के बाद एम्स प्रशासन जमा राशि लौटाएगी। इसी तरह से सफदरजंग अस्पताल में इस दौरान 22 सर्जरियां संपन्न की गई है। यह आंकड़ा केंद्र के वीआईपी हास्पिटल डा. राम मनोहर लोहिया में 19 का आंकड़ा पार कर चुका है।
निजी अस्पताल भी ले रहे दिलचस्पी:
आयुष्मान भारत के वरिष्ठ अधिकारी और नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने कहा कि अनुमान है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों को छोड़कर करीब 43 फीसद निजी अस्पतालों ने इस योजना में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। बता दें कि अब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना को दिल्ली में लागू नहीं किया है। उनका तर्क है कि पहले ही ऐसी सुविधा दिल्ली सरकार के अस्पालों में मिल रही है, और आयुष्मान भारत योजना में जो 60 फीसद राशि दिल्ली कोष को अदा करनी है उसे जब तक केंद्र सरकार नहीं वहन करेगी तब वह लागू नहीं करेंगे। दिल्ली की तरह ही केरल, पश्चिम बंगाल, उडीसा, पंजाब ने इस योजना को लागू करने से इंकार कर दिया है।
इस योजना के तहत पहली हार्ट सर्जरी:
आरएमएल अस्पताल ने योजना के तहत दिल्ली की पहली हार्ट सर्जरी करने के साथ ही एक ही दिन दो मरीजों को जीवनदान दिया है। इनमें से एक मरीज के दिल में छेद था, तो वहीं दूसरे मरीज का हार्ट वाल्व खराब था। दोनों को सप्ताह के अंत तक अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। सीटीवीएस विभाग के प्रमुख डा. वीके गुप्ता के अनुसार करीब एक सप्ताह पहले उनके पास बिहार के खगडिया निवासी 40 वर्षीय रामआधार यादव आए थे। इनके दिल के उपर के हिस्से में छेद था। बीते मंगलवार को इनका ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद से मरीज आईसीयू में है। मरीज की स्थिति बेहतर और वह अपने पैरों पर चल रहा है। वहीं बिहार के ही दरभंगा निवासी 60 वर्षीय अलिक नारायण पाठक के दिल के दो वाल्व में खराबी थी। इनमें से माइट्रल वाल्व को बदल दिया गया है, जबकि दूसरे को रिपेयर कर दिया गया है। इनकी हालत भी अच्छी है। उम्मीद जताई जा रही है कि सप्ताह के अंत तक दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
आधा दर्जन मरीज हैं वेटिंग में
अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. वीके तिवारी ने कहा कि योजना की शुरु अता में थोड़ी दिक्कतें आ रही थीं। मरीजों के नाम लाभार्थियों के लिस्ट से ढूंढना, सर्जरियों को लिस्ट से ढूंढना और सामान आदी में समय लग रहा था, लेकिन अब सब कुछ दुरु स्त कर लिया गया है।अभी उनके पास सीटीवीएस के करीब आधा दर्जन मरीज हैं, जिनका इस सप्ताह या अगले सप्ताह में ऑपरेशन किया जाना है।

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