आग से क्षतिग्रस्त हुए एम्स ट्रॉमा सेंटर में अब इलाज सुचारु हुआ

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का लोकनायक जयप्रकाश नारायरण ट्रामा सेंटर (एम्स- जेपीएनसी) लगभग पटरी पर लौटने लगा है। हालांकि अभी भी यहां प्रति दिन 20 से 22 सर्जरी ही हो पा रही है जबकि सामान्य दिनों में यहां यह संख्या 50 से अधिक सर्जरी हो जाती थी। इस संबंध में ट्रामा सेंटर के वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि ट्रामा सेंटर में आने वाले नए मरीजों की संख्या प्रति दिन 100 से 150 के करीब पहुंच गई है। यहां रोजाना करीब 20 से 22 सर्जरी हो रही है। ट्रामा सेंटर के बीते रिकार्ड पर यदि फौरी नजर डाली जाए तो पहले यहां 25 से अधिक सर्जरी हो जाती थी। ट्रामा सेंटर के अन्य ऑपरेशन थियेटर को शुरू करने में अभी भी दो सप्ताह का समय लगेगा। इस दिशा में प्रयास जारी है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही खराब ऑपरेशन थियेटर को ठीक कर लिया जाएगा।
दुर्घटनाग्रस्तों को ही वरीयता:
वहीं मरीजों के परिजनों ने बताया कि सर्जरी के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। सड़क दुर्घटना मामले में परिजन के साथ पहुंचे कौशल ने शनिवार को बताया कि तीन घंटे से अधिक समय तक उन्हें बाहर ही स्ट्रेचर पर इंतजार करना पड़ा। उसके बाद ही कुछ रिपोर्ट्स कराने के बाद स्पष्टहुआ कि किस ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में सर्जरी होगी। दरअसल, यहां पर फिलहाल गंभीर रोगियों को वरीयता दी जा रही है। हेड इंजूरी, स्पाइन इंजूरी संबंधी दुर्घटनाग्रस्तों को डिले नहीं किया जा सकता है उनकी सर्जरी की जा रही है। छत से गिरने से घायल हुए राम कुमार (34) की सर्जरी की गई। सर्जरी में करीब चार घंटे लगे। तो वहीं वरिष्ठ स्पाइनल सर्जन ने कहा कि राउंड द क्लाक सर्जरी संपन्न की जा रही है।
सनद् रहे:
करीब दो सप्ताह पहले अग्निकांड में जलकर खाक हुए छह ऑपरेशन थिएटर्स में से दो आपरेशन थियेटर्स का मरम्मत कार्य दो दिन पहले ही पूरा हुआ। भूतल, प्रथम, द्वितीय फ्लोर्स पर स्थित ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेटिव और वार्ड्स क्षतिग्रस्त हो गए थे। इनमें से भूतल पर बने छह आपरेशन थियेटर्स में से तीन ओटी टेम्बल सर्जरी करने लायक हो गए हैं। इनमें से सर्जरी कायरे के लिए पांच का ही प्रयोग किया जाता है, एक ओटी को रिजर्व आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करने के लिए आरक्षित रखा जाता है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के इंजीनियर्स और एचएलएल के टेकनिकल स्टाफ की निगरानी में मरम्मत कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि अन्य विंग्स की नये सिरे से वायरिंग का कार्य किया जा रहा है। फिर निर्वाध रूप से स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू हो जाएंगी। इस बार हर फ्लोर की विद्यूत आपूर्ति के लिए अलग विद्यूत आपूर्ति के कनेक्शन दिए गए हैं।
दो सप्ताह में शुरू होंगे अन्य ओटी
सेंटर प्रोटोकॉल डा. आरती विज ने उम्मीद जताई है कि अब मरीजों की सर्जरी की वेटिंग कम हो जाएगी। उन्हें माकूल चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

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