भारत चौहान नई दिल्ली, एक सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 80 प्रतिशत किशोरों को पर्याप्त नींद नहीं मिल पा रही है। यही नही वे जल्द ही थक रहे हैं और बोरियत महसूस कर रहे हैं। इसे टायर्ड आॅल दि टाइम (टीएटीटी) सिंड्रोम कहा जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा कंप्यूटर या टीवी पर अधिक समय बिताने की वजह से होता है। परेशानी यह है कि आम तौर पर इसके लक्ष्ण डायबिटीज, एनीमिया तथा डिप्रेशन जैसे होते हैं जो जल्द पकड़ में नहीं आते हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. के के अग्रवाल की मानें तो पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, कम प्रोटीन का सेवन और कार्बोहाइड्रेट का बहुत अधिक या बहुत कम सेवन करना, समय पर भोजन न करने और संतुलित आहार न लेने से भी टैट की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, जब कोई व्यक्ति कंप्यूटर के सामने बैठकर पूरे दिन काम करता है, तब भी उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है। नींद की कमी से थकावट हो सकती है। इन दिनों लोग बेहद तनावपूर्ण जीवन जीते हैं, जिससे उनका एड्रेनिल का स्तर बढ़ा रहता है और वे हर वक्त जागे रहते हैं। तनाव से ऊर्जा घटती है और मानसिक शांति खत्म होती है, जहां से टैट की शुरुआत हो सकती है। हालांकि उनका मानना है कि टैट की दशा लंबे समय तक नहीं रहती है और उचित आराम, संतुलित व समय पर भोजन और नियमित व्यायाम से इसे मैनेज किया जा सकता है।
लक्षण – लगातार थकान महसूस करना, देर तक काम करने में परेशानी, ठीक से नींद पूरी न होने की फीलिंग, ऊर्जा, प्रेरणा और रुचि की कमी।
सुझाव –
काम के ओवरलोड से दिमाग को मुक्त रखें। थोड़ा आराम करें और अपने विचारों पर गौर करें। मेडिटेशन और योग से थकान व तनाव दूर करने में मदद मिल सकती है।खूब हंसे-हंसाएं और हर वक्त अपने को कोसें नहीं, क्योंकि यह मानसिक रूप से विनाशकारी हो सकता है।अपने लिए एक रूटीन सेट करें, स्वस्थ भोजन लें और व्यायाम करें। फलों और सब्जियों को अपनी लिस्ट में शामिल करें। ये एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं।कुछ ऐसा अवश्य करें जो आपको रिलेक्स करे।