ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , जानलेवा कोविड-19 यानी कोरोना वायरस की त्वरित पहचान में अब मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल या फिर केंद्रीयकृत सरकारी एजेंसियों के भरोसे रहते हए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसे 25 अस्पतालों को कोविड-19 की पहचान करने के लिए अनुमति दी है। इसके तहत जांच पर खर्च की जाने वाली राशि राज्य व केंद्र सरकार दोनों ही वहन करेगी। इनमें 19 सरकारी है जबकि 6 कारपोरेट अस्पतालों को शामिल किया गया है। रिकार्ड के अनुसार 20 दिन में 2 हजार से ज्यादा लोगों ने कराई कोरोना वायरस की जांच। वुहान से आने वाले 654 भारतीय नागरिक भी शामिल।
कन्फ्यूजन क्यों:
स्वास्थ्य अधिकारी का तर्क है बीते कुछ दिनों से ऐसे ढेरों शिकायतें आ रही है कि कोरोना वायरस की जांच के नाम पर कनफ्यूजन ही कनफ्यूजन हो रहा है। दरअसल, कोरोना वायरस विषाणुओं की श्रेणी में एक ही परिवार के सदस्य माने जाते हैं। विषाणु वैज्ञानिकों से मिले फीडबैक के बाद कि जो तीन तरह के कोरोना वायरस है वह मनुष्य के शरीर में रहते हैं लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता सदृढ़ रहने पर वे सुस्त रहते हैं। चीन से पहचान में आए कोविद-19 कोरोना का सक्रिय रूप है। जो महामारी का रूप ले रहा है। दरअसल, जो जांच अब तक निजी पैथलैब्स में कराई जा रही है उसमें कोरोना वायरस भी एक है। जो पोजिटिव पाई जाती है लोग समझते हैं कि उन्हें कोरोना पोजिटिव हो गया है और वे एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में जांच कराने के लिए भागते रहते हैं। दरअसल कोविड-19 जांच की सुविधा फिलहाल दिल्ली में सिर्फ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और एनसीडीसी केंद्र में ही उपलब्ध है। जब तक इस सेंटर की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तब किसी को कोविड-19 पोजिटिव नहीं कह सकते हैं।
यहां मिलेगी अब कोविड-19 जांच की विशेष सुविधा:
संजय गांधी स्मारक अस्पताल, एलबीएस, लोकनायक, डीडीयू, पं. मदन मोहन मालवीय हास्पिटल, बाबा साहेब अंबेडकर हास्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, भगवान महावीर हास्पिटल, महाषर्ि वाल्मीकि हास्पिटल, बीजेआरएम, अरुणा आसफ अली, आरएमएल, सुचेता कृपलानी हास्पिटल, सफदरजंग, एअरपोर्ट हास्पिटल, हिंदुराव, एम्स, डा. हेडग्रेवार आरोग्य संस्थान, जीटीबी जैसे सरकारी अस्पताल हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में एक्शन बाला अस्पताल, अपोलो, सर गंगाराम, सेंट स्टीफेंस, मैक्स सुपरस्पेशिलिटी और बीएलके हास्पिटल शामिल किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने कहा कि अब लोगों को जरूरी टेस्ट कराने के लिए केंद्रीयकृत लैब्स के भरोसे लंबी प्रतीक्षा करने से राहत मिलेगी।
अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के लिए 10 फीसद बेड आरक्षित करने का निर्देश:
दक्षिण पश्चिम दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 10 फीसद बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया गया है। इस बाबत एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया। दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट राहुल सिंह ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के लिए पृथक बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया है। आदेश में सिंह ने कहा है कि दिल्ली में कोविड-19 को लेकर आपात स्थिति है।