ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली
राजधानी की आशा कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल प्र्दशन किया। विकास भवन पर धरना दिया और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि वे लंबे समय से सरकार से किए वादों को पूरा करने की मांग कर रही हैं। उनका आरोप है कि महंगाई के इस दौर में भी कई कर्मचारियों का वेतन 20 हजार से कम है। साथ ही कर्मचारियों को पीएफ का लाभ भी नहीं मिल रहा है।
दिल्ली आशा वर्कर्स एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की योजना भी बनाई। लेकिन पुलिस ने उन्हें सिविल लाइन मेट्रो स्टेशन पर ही रोक दिया। सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। कार्यकारी अध्यक्ष सोनू व महासचिव शिक्षा राणा ने बताया कि 29 सितम्बर 2017 को स्वास्थ्य मंत्री ने इनसेंटिव दोगुना करने सहित कई मांगों को स्वीकार किया था। साथ ही कहा था कि 1 अक्टूबर 2017 से लागू कर दिया जाएगा। लेकिन वादा करने केबाद भी स्थिति जस की तस है। सरकार ने अब तक मांगों पर अमल नहीं किया है। जिसके चलते कर्मचारियों ने अब प्रदशर्न की राह पर चलने का फैसला लिया है। दो टूक सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सरकार उनकी मांगों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया तो वे देशव्यापी भूख हड़ताल करने के लिए विवश होंगे।