ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने नकली डॉक्टरों के नाम पर योग्य, प्रशिक्षित व डिग्री धारक आयुर्वेदिक चिकित्सकों को बदनाम करने की साजिश करने पर इंटिग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कड़ी निन्दा की है। उल्लेखनीय है कि इलाज में लापरवाही बरतने के कारण भारती राय नामक युवती की मौत के संदर्भ में गत बुधवार को मधु विहार थाने में रीना पोद्दार नामक एक नकली डाक्टर के खिलाफ डीएमसी की सिफारिश के आधार पर मामला दर्ज किया गया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डा. आरपी पाराशर ने आरोप लगाया है कि डीएमसी ने नकली डाक्टर के बारे में जानबूझकर यह गलत जानकारी दी गई कि कथित डाक्टर बीएएमएस डिग्रीधारी आयुर्वेदिक चिकित्सक है। डा. पाराशर ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार उक्त महिला के पास न तो कोई मान्यता प्राप्त डिग्री है और न ही चिकित्सा व्यवसाय करने के लिए कहीं पंजीकरण। उक्त महिला ने डीएमसी को दिए गए बयान में अपने बारे में कहीं भी बीएएमएस होने का दावा नहीं किया गया है। एसोसिएशन के संरक्षक और दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष डा. युवराज त्यागी ने डीएमसी के इस मामले में आयुर्वेदिक चिकित्सकों के खिलाफ किये जा रहे इस दुष्प्रचार की भी आलोचना की कि बीएएमएस डिग्री धारक डाक्टर एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकते। दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम के अंतर्गत आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सकों को उनकी अपनी पद्धति के साथ साथ एलोपैथिक दवाओं के प्रयोग का अधिकार मिला हुआ है। डा. पाराशर ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष और रजिस्ट्रार से अविलंब माफी मांगने को कहा है।