ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हषर्वर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हमने चीन को भी मदद सामग्री मुहैया कराई है तो चिकित्सा उपकरण और सामग्री सद्भावना स्कीम के तहत भेजे जा रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो चीन के मदद का ऐलान किया था उसके तहत कोरोना वायरस से निपटने के लिए हमने चीन को मदद भेजी है। भारत में डरने, घबराने की जरूरत नहीं है। जो भी खतरा है उसका लेकर केंद्र और राज्य लाते हैं सभी राज्य सरकारों को मदद दी जा रही है केरल में जो 3 लोगों में पाजिटिव पाए गए थे उनकी स्थिति पहले से बेहतर हो रही है तैयारियां कर रहे हैं। अब तक करीब 251001 लोगें के स्क्रीनिंग हो चुकी है उनकी जांच हुई सेंपल लिए गए हैं। सभी राज्यों के प्रमुखों और केंद्रीयमंत्री समूह स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं वे इन राज्यों से निरंतर संपर्क में है। इस मुद्दे पर मंत्री समूह की इसके पहले उच्चस्तरीय बैठक भी ली।
मंत्री समूह की सघन निगरानी:
डा. हषर्वर्धन ने निर्माण भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नोवेल कोरोनावायरस रोग (सीओवीआईडी-2019) के खिलाफ देश की कार्रवाई को दिशा दे रही है। भारत नोवेल कोरोनावायरस से निपटने के लिए विभिन्न सामयिक उपायों और निगरानी की उत्तम पण्रालियों के जरिए पूरी तरह तैयार है। विदेश मंत्री, नागरिक विमानन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री की सदस्यता सहित उच्चस्तरीय मंत्री समूह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में गठित किया गया है। यह मंत्री समूह स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश मंत्रालय, नागरिक विमानन, गृह, वस्त्र, फार्मासिटिकल, वाणिज्य, पंचायती राज और राज्यों के मुख्य सचिवों समेत अन्य अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर समीक्षा की जा रही है। हमारे पास मंत्रियों के बीच बेहतर और प्रभावी समन्वय, मजबूत निगरानी पण्राली, निदान में सहायक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी और मीडिया की उपस्थिति है जिसकी दूरदराज के इलाकों तक पहुंच है। हम देश में नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार पर काबू पाने और रोकथाम के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा मंत्रियों की बैठकें प्रतिदिन हो रही है और राज्य सरकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तैयारियों और कार्रवाइयों की समीक्षा की जा रही है।
एअरपोर्ट स्क्रीनिंग:
डॉ हर्ष वर्धन ने बताया कि 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों, 65 अन्य बंदरगाहों और 6 सीमाओं पर स्थित प्रवेश स्थलों पर निगरानी की जा रही है। अब तक हवाई अड्डों से 2315 उड़ानों से कुल आए 2,51,447 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, तीन संदिग्ध मामले पाए गए और 161 संपर्क सूत्रों की पहचान की गई। इसी तरह प्रमुख और अन्य बंदरगाहों पर 5491 यात्रियों और चालक दल के 285 सदस्यों की स्क्रीनिंग भी की गई। चीन, सिंगापुर, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान से आने वाले यात्रियों की एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक निगरानी भी की जा रही है। पिछले 28 दिनों से 15991 लोगों पर नजर रखी जा रही है। इनमें से 3058 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है। 497 संदिग्ध मामलों को अलग-थलग रखा गया है।
वायरोलॉजी एक्सपटॅ्र्स तैयार:
आईसीएमआर ने पूणो में नेशनल इंस्टियूट ऑफ वायरोलॉजी, पूणो को नोडल केंद्र बनाया है और 14 अन्य प्रयोगशालाओं का नेटवर्क स्थापित किया है। आवश्यकता होने पर इन प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 50 की जा सकती है। अब तक 1071 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 1068 नेगटिव पाए गए हैं और केवल तीन केरल में पॉजटिव पाए गए हैं। इसके अलावा भारत लाए गए 654 लोगों के नमूनों की जांच मानेसर और आईटीबीपी शिविरों मे की गई है और ये सभी नेगटिव पाई गई हैं।
इमरजेंसी एलर्ट:
सभी राज्यों में अधिक जोखिम को देखते हुए आपात स्थिति से निपटने के वास्ते मंत्रालय ने रैपिड रिस्पांस टीम को प्रशिक्षित किया है। नेपाल की सीमा पर लगे जिलों के प्रत्येक गांव में ग्राम सभा के माध्यम से बचाव और नियंतण्रकी जानकारी दी जा रही है। इतना ही नहीं दैनिक स्थिति रिपोर्ट तैयार की जाती है। 24 घंटे का कॉल सेंटर कार्यरत है।
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