ज्ञान प्रकाश नयी दिल्ली, कांग्रेस ने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को भाजपा की नैतिक हार करार देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि इस परिणाम ने सत्तारूढ पार्टी के झूठे दावों का पर्दाफाश कर दिया है और यह भाजपा के ‘‘पतन की शुरुआत’’ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ भाजपा ने मतदाताओं को हल्के में लिया और उनके अहंकार को मुंहतोड़ जवाब मिला है। विधानसभा चुनाव और उपचुनावों के नतीजे भाजपा के पतन की शुरुआत है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा में जीत का जो दावा किया है उसमें कोई दम नहीं हैं क्योंकि वहां उनकी पार्टी ने सिर्फ बहुमत नहीं खोया है, बल्कि लोकसभा चुनाव के मुकाबले उसके वोट प्रतिशत में भी 22 फीसदी की गिरावट आई है। उन्होंने हरियाणा में सरकार बनाने के दावे के संदर्भ में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्रंिसह हुड्डा की अपील के मुताबिक सभी भाजपा विरोधी दलों को साथ आकर सरकार गठन करना चाहिए क्योंकि यह जनादेश भाजपा के खिलाफ है। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जनादेश को सम्मान और विनम्रता से स्वीकार करते हैं। भाजपा की नैतिक हार हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह और उनका समूचा नेतृत्व जमीनी हकीकत से दूर था और उनका पूरा प्रचार उन मुद्दों पर केंद्रित था जो आम लोगों से जुड़े नहीं थे। भ्रामक प्रचार हुआ, व्यवस्था का दुरुपयोग किया गया। किसान परेशान हैं, अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, बेरोजगारी बढ रही है। बाजार और रुपया टूट रहा है। इन मुद्दों पर बात नहीं की गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में शिवसेना को 52 फीसदी वोट मिला। विधानसभा क्षेत्रों के लिहाज से देखें तो भाजपा और शिवसेना की 224 सीटों पर बढत थी। दावा था 240 का और आईं 154 । ये फर्क चार महीनों में पड़ा है।’’ कांगेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हरियाणा में भाजपा के पास वोट 58.2 फीसदी था और 79 विधानसभा सीटों पर बढत थी पर अब भाजपा बहुमत खो चुकी है। ये भाजपा की नैतिक हार हुई है। अमित शाह के इस मत से सहमत नहीं हैं कि भाजपा की जीत हुई है। अगर उनके इस दावे की मानें तो जीत की परिभाषा बदलनी पड़ेगी।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘भाजपा के लिए जश्न मनाने का दिन नहीं है। हमें लगा था कि उनके अहंकार पर अंकुश लगाने में समय लगेगा, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदाताओं ने पूरी परिपक्वता दिखाई और राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश की है। यह अभी शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार की नीतियों के खिलाफ जागरुकता पैदा करने की जरूरत है। कांग्रेस ने पहले भी कहा था कि देश के सामने गहरा संकट है, लेकिन सरकार को इसकी जरा भींिचता नहीं है।’’ शर्मा ने कहा कि इस बार जनता ने उन नेताओं का हिसाब लिया है जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे।
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